देहरादून। अचानक बुखार से यदि प्रभाव दिमाग तक पहुंच जाए तो इस तरह के मरीज के परिजनों को चिंतित होना स्वाभाविक है। लेकिन घबराहट के इन हालातों में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना का उन्हें जो सहारा मिला उसे वह कभी नहीं भुला सकती और आयुष्मान कार्ड के महत्व को समझते हुए लाभार्थी राज्य सरकार का आभार तो जता ही रहे हैं साथ ही लोगों से कार्ड बनाने की अपील भी कर रहे हैं।
महंत इंद्रेश अस्पताल में अपने बेटे का उपचार करा रही हरिद्वार लालढांग निवासी माहेश्वरी देवी कहती हैं मेरे बेटे को पहले बुखार आया था। हालत इतनी गंभीर हो गई कि बुखार उसके दिमाग पर चढ़ गया और क्लॉटिंग जैसी स्थिती बन गई। इस बीमारी के उपचार का खर्चा लगभग एक डेढ़ लाख से कम नहीं होता है, लेकिन हमने आयुष्मान कार्ड बनाया था और उसी से ही सारा उपचार हो रहा है।
माहेश्वरी देवी जैसे लोगों की प्रदेश में बड़ी तादाद है जिनके परिजनों का आयुष्मान योजना के तहत मुुफ्त उपचार हुआ है। इसलिए वह भी हर किसी से कार्ड बनाने की अपील करती रहती है और राज्य व केंद्र सरकार का आभार जताते हुए नहीं थकती हैं।