देहरादून। जहां पवन बहे संकल्प लिए, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहां ऊंचे नीचे सब रास्ते, बस भक्ति के सुर में गाते हैं, उस देवभूमि के ध्यान से ही मैं सदा धन्यवाद हो जाता हूं, है सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं, है बाद में मेरा सौभाग्य मेरा मैं तुमको शीश नवाता हूं और धन्य धन्य हो जाता हूं, मंडवे की रोटी, हड़के की थाप, हर एक मन करता शिवजी का झाप, ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमि, कितने वीरों की ये जन्मभूमि, मैं तुमको शीश नवाता हूं….
देवभूमि उत्तराखंड को प्रधानमंत्री मोदी ने 18 हजार करोड़ की सौगात दी। परेड मैदान में उन्होंने सबसे पहले प्रदर्शनी को देखा, उसके बाद उन्होंने करोड़ों योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया, उनमें 8600 करोड़ की लागत से बनने वाला दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (इकोनामिक कारीडोर) भी शामिल है। जिन योजनाओं का लोकार्पण हुआ उनमें योजनाओं में 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना मुख्य है। इन दलों ने जनता को मजबूत नहीं होने देने का तरीका अपनाया है। वह चाहते हैं कि जनता को अपना मोहताज बनाओ, ताकि उनकी गद्दी सलामत रहे।