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हेलीकॉप्टर से B.Ed की परीक्षा देने हलद्वानी से मुनस्यारी पहुंचे राजस्थान के 5 लड़के

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पिथौरागढ़, 8 सितम्बर। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यद्वालय की बीएड परीक्षा के लिए इंटरनेट पर राजकीय महाविद्यालय मुनस्यारी को परीक्षा केंद्र चुनना राजस्थान के परीक्षार्थियों को भारी पड़ गया। हेरीटेज कंपनी के संचालक से अनुरोध के बाद तय समय पर परीक्षा केंद्र में पहुंचने के लिए हल्द्वानी से हैलीकाप्टर से मुनस्यारी आना जाना पड़ा।

राजस्थान के बालोतारा जिला निवासी ओमाराम जाट, मागाराम जाट , प्रकाश चंद्र जाट, नरमत कुमार और लकी चौधरी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्याल से बीएड कर रहे हैं। परीक्षा केंद्र चयन के समय इंटरनेट पर परीक्षा केंद्र राजकीय महाविद्यालय मुनस्यारी पसंद कर लिया और परीक्षा देने के लिए राजस्थान से हल्द्वानी पहुंच गए।

कोई भी टैक्सी हल्द्वानी से मुनस्यारी के लिए तैयार नहीं
हल्द्वानी से परीक्षार्थियों ने टैक्सी से मुनस्यारी पहुंचने के लिए प्रयास किया तो हल्द्वानी में मार्ग बंद होने से कोई भी टैक्सी चालक तैयार नहीं हुआ। उधर दूसरे दिन परीक्षा होने के कारण चारों छात्रों ने हैलीकॉप्टर से मुनस्यारी जाने का निर्णय लिया। मौसम खराब होने से हैली सेवा भी नहीं चल रही थी। अंत में चारों छात्रों ने हैरीटेज कंपनी के मालिक रोहित माथुर से सम्पर्क साधा और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। संचालक ने उनकी समस्या को गंभीर मानते हुए हेली सेवा की अनुमति दे दी। दो पायलटों के साथ सात सीटर हैलीकाप्टर ने मुनस्यारी के लिए उड़ान भरी। हैलीकॉप्टर में पांच परीक्षार्थी ओर दो पायलट रहे। परीक्षार्थियों को मुनस्यारी पहुचाने के बाद हैलीकॉप्टर सवारियां लेकर हल्द्वानी चला गया। अगले दिन पांचों परीक्षार्थी हल्द्वानी-मुनस्यारी हैली सेवा से ही वापस हल्द्वानी लौटे।

कितना पड़ा एक व्यक्ति का किराया
हैलीकॉप्टर से प्रति यात्री टिकट एक तरफ का 5200 रुपए हैं । प्रति परीक्षार्थी को हल्द्वानी से मुनस्यारी आना जाना 10,400 रुपए पड़ा। सड़क मार्ग वाया अल्मोड़ा होकर हल्द्वानी से मुनस्यारी का किराया प्रति सवारी 1 हजार रुपए और मार्ग बंद होने पर वाया रानीखेत , बागेश्वर से होते हुए 1500 रुपए का किराया है। इस समय मार्ग बंद होने से किराया 15 सौ रुपए चल रहा है। सड़क मार्ग से आवाजाही होने पर प्रति परीक्षार्थाी को 3000 रुपए व्यय करने पड़ते परंतु मार्ग बंद होने के चलते छात्रों को साढ़े तीन गुना अधिक व्यय वहन करना पड़ा है।

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