जालंधर की तंग गलियों से टीम इंडिया के टर्बनेटर का पिछले 25 साल का सफर बहुत ही खुबसूरत रहा है। हरभजन ने कहा कि ‘जब भी मैं इंडिया की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरा हूं उससे बड़ी प्रेरणा मेरे लिए जिंदगी में कुछ और नहीं है। लेकिन एक मुकाम आता है जब जिंदगी में आपको कड़े फैसले लेने पड़ते हैं और आगे बढ़ना पड़ता है। मैं पिछले कई सालों से एक एलान करना चाह रहा था और उस चीज का मैं इंतजार कर रहा था कि कब मैं उस पल को आपके साथ शेयर करूं। मैं आज क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। मैं जहनी तौर पर पहले ही संन्यास ले चुका था, वैसे भी मैं लंबे समय से ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल रहा था।’
‘हर क्रिकेटर की तरह मैं भी भारत की जर्सी में क्रिकेट को अलविदा करना चाह रहा था, लेकिन शायद जिंदगी को कुछ और ही मंजूर था। मैं जिस भी टीम के लिए खेला, मैंने अपना सब कुछ दिया। भज्जी ने अपनी सफलता का का श्रेय माता-पिता को दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी बहन को भी याद किया।’ हरभजन सिंह