जेकर बाबा विश्वनाथ उ अनाथ कइसे होई…
बाबा ही बढाएं, बाबा ही बचाएं…प्रस्तुति पर गुंजायमान हुआ पंडाल
वाराणसी। वाराणसी में अस्सी के गोयनका संस्कृत महाविद्यालय परिसर में स्थित सिद्धेश्वर महादेव का वार्षिक संगीतमय शृंगार महोत्सव रविवार को मनाया गया। सुबह नौ बजे पंडित रत्नेश त्रिपाठी के आचार्यत्व में बाबा का रुद्राभिषेक हुआ। समीर माथुर व सोनू मिश्रा ने बाबा का सपत्नीक पूजन किया। सुबह 8 बजे बाबा का रुद्राभिषेक पं. रत्नेश त्रिपाठी के आचार्यत्व में हुआ। मुख्य यजमान दिनेश मिश्रा व मुन्ना पांडेय ने सपत्नीक रहे। सुबह 11 बजे बाबा की श्रृंगार आरती हुईं। इसके बाद भजनोत्सव शुरू हुआ।
भजन की प्रस्तुत अरविंद योगी ने गणेश वंदना से किया। फिर चर्चित स्वरसाधक व्यासजी मौर्य ने गणपति वंदना वक्रतुंड महाकाय से स्वरवन्दना का श्रीगणेश किया। इसके बाद बाबा तिहारी इच्छा से हम द्वार तिहारे आएं हैं…, न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं…, फिर बाबा ही बढाएं, बाबा ही बचाएं… प्रस्तुत किया। फिर मंच पर सिंह साथी डॉ. आनंद स्वरूप सिंह व अरविंद योगी की जोड़ी ने स्वर साधना शुरू की। गले भुजंग भष्म अंग शंकर अनुरागी… का भावपूर्ण गायन किया।
इसके बाद डॉ. ऋतुराज कात्यायन ने रामधारा का प्रवाह किया। मैं न लिहो प्रभु तेरी उतराई…, मन की तरंग मार लो बस हो गया भजन आदि भजन प्रस्तुत किये। जितेंद्र मिश्र ने राम धुन की मनोरम प्रस्तुति की। तबले पर दीपक सिंह, बैंजो पर शंकर महादेवन, ऑक्टोपैड पर विवेक ने साथ दिया। मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र और साधुबेला आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी गौरीशंकर दास महाराज और ने सभी को आशीर्वाद दिया। कलाकारों का अभिनंदन अशोक पांडेय, विश्वनाथ सिंह, शरद शुक्ल, समीर माथुर, उमेश त्रिपाठी, पवन शर्मा, राकेश यादव, शैलेन्द्र सिंह, विकास मिश्र, ललित, अनुराग चतुर्वेदी, अंजनी कुमार आदि ने किया।