नई दिल्ली। अब इंडियन प्रीमियर लीग वीवो आईपीएल की जगह टाटा आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो ने आईपीएल के मुख्य स्पांसरशिप से अपना नाम खींच लिया है। देश में चीन विरोधी भावना बढ़ने के कारण वीवो ने 2020 में आईपीएल प्रायोजन से हाथ खींच लिया था। हालांकि वीवो ने 2021 में मुख्य प्रायोजक के रूप में वापसी की। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने भी कंफर्म किया है कि बीसीसीआई वीवो अब 2022 संस्करण से पहले पूरी तरह से आईपीएल से नाता तोड़ने को तैयार है।
भारत की बड़ी बिजनेस कंपनियों में से एक टाटा ग्रुप की इंडियन प्रीमियर लीग में धमाकेदार एंट्री हुई है। चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो को हटाकर टाटा ग्रुप आईपीएल का नया टाइटल स्पॉन्सर बन गया है। टाटा ग्रुप की एंट्री से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी मालामाल हो गया है। रिपोर्टों के अनुसार, बीसीसीआई को इस सौदे से 130 करोड़ रुपये का फायदा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि आईपीएल के नए सत्र में दो नई टीमों के आने से, बीसीसीआई को 2023 तक वीवो से 996 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद थी।