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बुरांश के अर्क के सेवन से दूर भागेगा कोरोना

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देहरादून। बुरांश के फूल में उच्च मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन-सी और आयरन पाया जाता है। इस फूल का लाल गहरा रंग इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड के कारण होता है। कई शोध के अनुसार, इसमें फायटोकेमिकल्स जैसे फेनॉल, सैपोनिन, जेंथोप्रोटीन, टैनीन, फ्लेवोनॉइड आदि होते हैं। इसमें क्वेरसेटिन, रुटिन और कौमारिक एसिड जैसे एक्टिव कंपाउंड होते हैं। ये तीनों कंपाउंड सेब में भी होते हैं। इन्हीं के कारण सेब को हेल्थ के लिए फायदेमंद मान जाता है। बुरांश की पत्तियों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं। कुछ बीमारियों को ठीक करने के लिए बुरांश की पत्तियों का इस्तेमाल पारंपरिक औषधि के रूप में किया गया है।

हिमालयी पौधे बुरांश के अर्क से कोरोना वायरस दूर भागेगा। एक अध्ययन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी और नई दिल्ली के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) के शोधकर्ताओं के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। वैज्ञानिकों ने बुरांश की पंखुड़ियों में ऐसे फाइटोकैमिकल्स की पहचान की है जो शरीर में कोविड 19 के वायरस को रोकने में सक्षम होगा। शोध टीम के निष्कर्ष को बायोमोलिक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। बता दें कि हिमालयी बुरांश का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन अरबोरियम है।

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