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हरीश रावत बड़े भाई, 100 बार माफी मांगूंगा : हरक

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आज कुछ विधायकों और बहू अनुकृति गुसाईं के साथ कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।

हरक सिंह रावत ने श्रीनगर गढ़वाल विवि की छात्र राजनीति से राजनीतिक सफर शुरू किया था। 1984 में पहली बार वह भाजपा के टिकट पर पौड़ी से चुनाव लड़े और हार गए। 1991 में पौड़ी सीट पर जीत दर्ज कर उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का गौरव मिला। 1993 में वे एक बार फिर इसी सीट से विधायक बने। 1998 में टिकट न मिलने से नाराज हरक बसपा में चले गए लेकिन बाद में वे फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। हरक सिंह ने कहा कि हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनसे सौ बार माफी मागूंगा।

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब जब तक हरक प्रकरण का पटाक्षेप नहीं हो जाता, तब तक टिकटों की घोषणा करना मुश्किल है। पार्टी भाजपा की रणनीति को भी परख रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों की तरफ से सूची जारी होने में समय लग सकता है।

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