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यमकेश्वर के कई गांवों में भालू (चरक) की दहशत

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यमकेश्वर। यमकेश्वर के कई गांवों में पिछले कई दिनों से भालू के आतंक मचा रखा है। इन गांवों में भालू गौशालाओं की छत को तोड़कर उनमें बंधे जानवरों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले एक सप्ताह से भालू सात जानवरों को मारकर खा गया है और कई गाय बछड़े घायल कर गया है। सर्दियों में हर वर्ष इस तरह की घटनाएं गांवों में आम रहती हैं। देखें वीडियो

गौशाला की छत तोड़कर अंदर आ रहा है भालू (चरक)
पिछले एक सप्ताह में ही भालू ने गुमालगांव के धीरज की एक गाय व एक बैल, पिलखेड़ी के धनवीर और तिलकराज की एक-एक गाय, परंदा की गीता की एक और सोहन सिंह की दो गायों पर भालू हमला कर चुका है। आम सैण, परंदा, पाट और तिमली के भी कई गांव इस समय भालू के आतंक के साये में जी रहे हैं। लोग रात भर भालू की अपने जानवरों की रखवाली के लिए सन्नी में डेरा डालकर रह रहे हैं। यमकेश्वर के कई गांवों में भालू गौशाला की छत को उखाड़कर अंदर प्रवेश करता है और गायों को अपना निवाला बनाता है। तिमली में तो लोग रात-रात भर जागकर अपने जानवरों की रखवाली कर रहे हैं।

तिमली ग्राम सभा के ग्राम प्रधान जगपाल का कहना है कि भालू (चरक) रोज किसी न किसी गांव में मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है। ये गायोंं को मारकर उनके ऊपर का मांस खा रहा है। तिमली, पिलखेड़ी, भरपूर, सतनाम, आमसैण, सिरकोट, भरपूर सिगड्डी के गांव भालू (चरक) की दहशत में हैं। हम लोग रात भर लाठी डंडे लेकर अपनी गौशाला की रखवाली कर रहे हैं। वन विभाग कोटद्वार के रेंजर को इस संबध में अवगत करा दिया गया है। उन्होंने जल्द से जल्द इस समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन दिया है।

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