यमकेश्वर। यमकेश्वर सीट के बारे में हमारे ग्राम प्रधान अपनी अलग-अलग राय रखते हैं। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है, प्रत्याशियों की दिल की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं। उनके लिए ये चुनाव किसी बोर्ड परीक्षा से कम नहीं है। प्रत्याशी सुबह से शाम तक चुनाव प्रचार में जमकर पसीना बहा रहे हैं। यमकेश्वर सीट की बेटी रेनू बिष्ट भी मतदाताओं के बीच अपनी ताकत और वर्चस्व दिखाने के उद्देश्य से दिनभर गांवों की गलियों, खलिहानों में पहुंचकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रही हैं। कांग्रेस के शैलेंद्र रावत भी पूरे दमखम से चुनाव मैदान में कूदे हैं। आइए जानते हैं यमकेश्वर सीट के ग्राम प्रधान अपने प्रत्याशी के बारे में क्या राय रखते हैं।
सरवाल रौड़ के प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि हमारे गांव में 80 प्रतिशत वोटर बीजेपी के सपोर्टर हैं। रेनू बिष्ट ने गांव के विकास के अलावा बिजली, पानी आदि जैसी बुनियादी समस्याओं के तुरंत निराकरण पर जोर दिया है। हम चाहते हैं कि रेनू बिष्ट इस बार विधायक बने।
पिलखेडी के प्रधान चंद्रप्रकाश का कहना है कि हमारी ग्रामसभा में तो बीजेपी की लहर साफ दिखाई दे रही है। यहां से रेनू बिष्ट क्लीन स्वीप करेंगी। 80 से 90 प्रतिशत तक वोटर बीजेपी के समर्थक हैं।
तिमली के प्रधान जगपाल का कहना है कि हम शैलेंद्र रावत के साथ हैं। इन्होंने कहा कि हमारे गांव में लगभग साढ़े तीन सौ वोट हैं, जिसमें से लगभग अस्सी प्रतिशत वोट कांग्रेस के पक्ष में जाएंगे।
सरा गांव की पूर्व प्रधान गंगा देवी का कहना है कि वैसे तो रेनू बिष्ट और शैलेंद्र रावत में बराबर की टक्कर है, मगर रेनू बिष्ट फिर भी बाजी मार ले जाएगी। इनका कहना है कि हमको तो गांव का विकास चाहिए, प्रतिनिधि जो भी हो। हमारा गांव विकास की दौड़ में काफी अछूता रह गया है।
बगोड़गांव के प्रधान सूरज नेगी का कहना है कि हमारे गांव में 85 प्रतिशत वोट रेनू बिष्ट के पक्ष में जाएगा। इसकी वजह पूछने पर वह बताते हैं कि रेनू बिष्ट गांवों से जुड़ी नेत्री हैं। उन्होंने पहले भी क्षेत्र के विकास के लिए काफी काम किया है। व्यवहार कुशल और वाकपटुता में भी उनका जवाब नहीं।
रिखेडा की प्रधान पल्लवी लखेड़ा का कहना है कि रेनू बिष्ट ने ब्लाक प्रमुख रहते हुए इस क्षेत्र में काफी काम किया है, इसलिए इस समय रेनू बिष्ट ही जीत की दावेदार हैं।
बिथ्याणी के प्रधान सतेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि इस बार लोग बदलाव चाह रहे हैं। हमारे गांव में बीस साल में चाहे अस्पताल हो, स्वास्थ्य हो, सड़क हो, पानी हो किसी में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारा गांव जहां बीस साल पहले थे वहीं आज भी है। बिथ्याणी ग्राम सभा में लगभग 400 वोटर होंगे। अधिकांश लोगों का रुझान कांग्रेस के पक्ष में बताया जा रहा है।
डांगी की प्रधान सुलोचना का कहना है कि हमने इस बार परिवर्तन का मन बना लिया है। हमारे गांव में ढ़ाई सौ के लगभग मतदाता हैं। शैलेंद्र रावत को हमारे गांव से लगभग अस्सी प्रतिशत वोट जाने की संभावना है।
बंचूरी की प्रधान विनीता लखेड़ा का कहना है कि इस बार रेनू बिष्ट की राह में कोई नहीं आ सकता। उन्होंने ब्लॉक प्रमुख रहते हुए क्षेत्र में काफी विकास किया है। रेनू बिष्ट गांव से जुड़ी हुई महिला हैं, वो गांव की नस-नस से वाकिफ हैं। इनके विचार से रेनू बिष्ट स्पष्ट बहुमत से जीत रही हैं।
पोखरी की प्रधान सुमन राना का कहना है कि हमने इस बार बदलाव करने की ठानी है। इनका कहना है कि इस समय शैलेंद्र रावत के चांस ज्यादा हैं। हमने बीस साल बीजेपी को वोट दिया, लेकिन हमारे क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ। सुमन ने कहा कि हमारी ग्रामसभा में आठ-नौ से के करीब मतदाता हैं। पूर्व विधायक ऋति खंडूड़ी ने पिछले कार्यकाल में कोई काम नहीं किया। यहां तक कि वह कोरोनाकाल में क्षेत्र में कभी नहीं आई। इसलिए हम अब बदलाव चाहते हैं।
जामल के ग्राम प्रधान रिषी चौहान का कहना है कि हम बीजेपी को काफी समय से जानते हैं। इनका कहना है कि हमारे गांव में 70 प्लस बीजेपी के पक्ष में रहेगा। इनका कहना है कि रेनू बिष्ट को घर-घर पसंद किया जाता है।
ढुंगा की प्रधान संतोषी बडोला का कहना है कि वैसे तो हमारे गांव में सड़क की सबसे बड़ी समस्या है। इनकी नजर में बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है। मोदी जी केंद्र में अच्छा काम कर रहे हैं। इसलिए मोदी जी के नाम पर बीजेपी को वोट देंगे। इनका कहना है लगभग 80 प्रतिशत वोट बीजेपी को जाएगा।