चुनावी रणभूमि खामोश, अब जनता सुनायेगी फैसला
लखनऊ। चुनावी रणभूमि इस समय खामोश है। अब जनता अपना सुनायेगी फैसला सुनाने वाली है। उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार का शोर अब थम गया है। नेताओं की अग्निपरीक्षा अब खत्म हो चुकी है। अब 7 मार्च यानि कल अंतिम चरण का मतदान होने के बाद सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएगा।
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इस बार चुनावी रणभूमि में एक से बढ़कर एक नारे लगे। गगनभेदी हुंकारें लगाई गईं। एक-दूसरे को ऐसा ललकारा गया, मानों सबकुछ उलट-पुलट हो जाएगा। वादों और इरादों की खूब बरसात के बाद जनता के मन-मस्तिष्क को खूब टटोला, झकझोरा गया। प्रत्याशियों के तुणीर में जितने भी अस्त्र-शस्त्र और ब्रह्मास्त्र थे सभी चलाए जा चुके हैं। जनता जनार्दन अब भाग्य विधाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मजबूती से मोर्चा संभाला। दिग्गजों ने काशी में डेरा डाला। …तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी शक्ति प्रदर्शन में पूरी ताकत झाेंक दी। इस चरण में जिसने बाजी मारी, उसकी सरकार तय है। भाजपा को जहां मोदी मैजिक पर भरोसा है, वहीं सपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ ओबीसी मतदाताओं की लामबंदी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया है। बसपा खामोशी से दबे पांव चाल चलती रही। चुनाव-दर-चुनाव सिकुड़ते जनाधार को सहेजते हुए कांग्रेस भी कुछ सीटों पर लड़ाई में नजर आ रही है।