देहरादून। धामी, निशंक से हुई दो निर्दलीय प्रत्याशियों की मुलाकात के बाद प्रदेश में सियासी तूफान मच गया है। भाजपा भले ही पूर्ण बहुमत का दावा करती हो, लेकिन अंदरखाने ही उसकी जोड़-तोड़ की राजनीति चल रही है। जिताऊ माने जाने वाले दो निर्दलीयों ने धामी निशंक से मुलाकात से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। जोड़-तोड़ की राजनीति के माहिर कैलाश विजयवर्गीय देहरादून में डेरा जमाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले ही विजयवर्गीय की सक्रियता पर शंका जाहिर कर चुके हैं। यमनोत्री से निर्दलीय संजय डोभाल और रमेश पोखरियाल निशंक के बीच नजदीकियां सुर्खियां बटोर रही हैं। संजय डोभाल ने इस बात की पुष्टि भी की है।
माना जा रहा है कि भाजपा इस बार सरकार बनाने का कोई मौका चूकना नहीं चाहती है। वह 2012 विधानसभा में हुई चूक को इस बार फिर से दोहराना नहीं चाहती है। 2012 में भाजपा को 31 और कांग्रेस को 32 सीटें मिली थीं, लेकिन भाजपा ने जोड़-तोड़ से सरकार बनाने का अपना विकल्प छोड़ दिया था।
पिछले कुछ सालों में भाजपा ने कई राज्यों में आखिरी क्षणों तक सरकार बनाने का प्रयास किया और कामयाब हुई। इन्हीं सब बातों को मद्देनजर रखते हुए भाजपा सभी संभावनाओं और विकल्पों को लेकर गंभीरता से ले रही है।