देहरादून। पहाड़ों पर सुरंगों के द्वारा रेल लाइन बिछाई जाएगी। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के सांसद अजट टम्टा ने पर्वतीय जिलों में रेलवे लाइन बिछाने का मुद्दा लोकसभा में उठाया। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही पर्वतीय जिलों में सुरंग के माध्यम से रेल लाइन बिछाई जायेगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर टनकपुर, काठगोदाम और लालकुआं से भी ट्रेनों का संचालन बढ़ाया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता को रेल मंत्रालय से कई अपेक्षाएं हैं। उत्तराखंड सीमांत क्षेत्र होने के अलावा सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण राज्य है। यहां चीन, नेपाल और तिब्बत की सीमाएं जुड़ी हैंं। पर्यटन और तीर्थाटन का प्रमुख केंद्र होने की वजह से लाखों की संख्या में सैलानी और श्रद्धालु यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में टनकपुर मात्र एक स्टेशन है। यात्रियों को सफर के लिए काठगोदाम या लालकुआं जाना पड़ता है, जो काफी दुष्कर है। 1911-12 में अंग्रेजी शासनकाल में टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे हुआ था।
टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का फाइनल सर्वे के लिए 29 करोड़ 95 लाख की स्वीकृति मिल चुकी है। सांसद ने टनकपुर स्टेशन से देहरादून के लिए एक शताब्दी और जन शताब्दी के संचालन की भी मांग की।
अजय टम्टा ने रामनगर से मुंबई ट्रेन का संचालन सप्ताह में तीन बार किए जाने, लालकुआं से हावड़ा सप्ताह में दो बार, काठगोदाम से जम्मू के लिए गरीब रथ को सप्ताह दो बार, रामनगर-चौखुटिया-गैरसैंण नई लाइन, चौखुटिया-गरुड़-बगेश्वर रेल लाइन और बागेश्वर-कपकोट टनल के माध्यम से, मतकोट-जौलजीबी-धारचूला तक सर्वे कराकर पर्वतीय क्षेत्रों में भी रेल लाइन की बिछाने की सौगात दी है।