देहरादून। प्रेम, सद्भाव, आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक श्री झंडा जी मेला दो साल बाद इस बार पूर्ण स्वरूप में लगने जा रहा है। फाल्गुम मास की पंचमी के दिन 22 मार्च को श्री झंडे जी का आरोहण के साथ मेला शुरू हो जाएगा। इस दिन सुबह से पुराने झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। आयोजन के लिए देश-विदेश से दून पहुंच रहीं संगतों के स्वागत के लिए श्री दरबार साहिब की दीवारों पर दिल को छू लेने वाली साज-सज्जा, आकर्षक पोस्टर बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं का मन मोह रही हैं।
श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्रदास महाराज ने भित्ती चित्रों की सजावट और रंग भरने का काम स्वयं किया। इस वर्ष श्री झंडा जी मेले के आयोजन में पहुंच रहीं संगतें इन भित्ती चित्रों की खूबसूरती एवं आकर्षक स्वरूप से रूबरू हो रही हैं। शताब्दियों पूर्व बनाए गए इन चित्रों के माध्यम से रामायण, महाभारत, कई देवी देवताओं, संत समाज के दार्शनिक का पक्ष चित्रित किया गया है।
इन चित्रों में टिहरी की नथ को जिस रूप में दर्शाया गया है, वह अपने आप में पहाड़ की सजीवता को छू लेने वाला संदेश देती है। श्री दरबार साहिब के करीब 346 वर्षों के इतिहास को यह भित्ती चित्र कई उदाहरणों से सजीव करने का काम कर रहे हैं। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने कहा कि भित्ती चित्रों का संरक्षण एवं संवर्द्धन हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने संगतों और दूनवासियों का आह्वान किया कि इन चित्रों की सुंदरता को देखें और इनमें छिपे संदेशों को अपने जीवन में उतारें।