देहरादून। धामी के सीएम बनते ही समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। सीएम बनने से पहले भी समर्थक इनके समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। जैसे ही बैठक खत्म हुई और धामी के नाम का ऐलान हुआ वैसे ही जोरदार आतिशबाजियां शुरू हो गई। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। धामी को खटीना विधानसभा से करारी हार का सामना करना पडॉा था। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से पटखनी दी थी।
उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता की बागडोर संभालेगी। धामी के सीएम बनते ही जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि धामी नौजवान और ऊर्जावान नेता हैं। उनके नेतृत्व में जनता ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए प्रचंड बहुमत दिया है।
उत्तराखंड के 20 साल के इस सफर में प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात और कांग्रेस ने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। हालांकि भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड को तीन-तीन मुख्यमंत्री भी मिले। सबसे खास बात यह रही सभी मुख्यमंत्रियों में सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे।