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चार धाम यात्रा को लेकर प्रशासन सतर्क

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देहरादून। चार धाम यात्रा के लिए हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद सरकार की तरफ से नई एसओपी जारी कर दी गई है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंड पीठ ने अब श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या की बाध्यता खत्म कर दी गई है, लेकिन कोविड नियमों का पालन अनिवार्य करना होगा। अब चार धाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है।

श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा करने के लिए रजिस्ट्रेशन के अलावा ई-पास की भी जरूरत होगी। इसके साथ-साथ या तो वैक्सीन की दोनों खुराक या फिर कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट भी अनिवार्य किया गया है। सरकार की तरफ से जारी एसओपी के अनुसार कोरोना निगेटिव रिपोर्ट भी 72 घंटे पुरानी नहीं होनी चाहिए।

www.smartcitydehradun.uk.gov.in पर उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों के आनलाइन रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा राखा जाएगा। इसके अलावा इस पोर्टल से चार धाम यात्रा ई-पास भी जारी किए जाएंगे। 2013-14 में हुई केदारनाथ त्रासदी के बाद से यदि कोई तीर्थयात्री उत्तराखंड यात्रा के लिए आते हैं तो उन्हें आनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया है।

केदारपुरी में अभी भी जमा है छह फीट बर्फ
इस साल शीतकाल में केदारपुरी में हुई भारी बर्फबारी ने प्रशासन के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इससे यात्रा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। ध्यान रहे कि केदारनाथ धाम के कपाट आगामी छह मई को खुलने वाले हैं। जिलाधिकारी मनुज गोयल के अनुसार इस बार यात्रा में परिवहन निगम की बसों को भी उतारने की तैयारी है। हालांकि प्रशासन ने पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम कर लिया है, लेकिन लगातार बिगड़ते मौसम के कारण बिजली, पानी, संचार जैसी मूलभूत सुविधाएं अभी ठप पड़ी हैं।

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