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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना ने पकड़ी गति

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यमकेश्वर। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतर्गत जहां एक माह में केवल एक किलोमीटर सुरंग बन रही थी, वहां अब केवल चार दिन में एक किमी. सुरंग तैयार हो रही है। इस पूरी परियोजना में 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। 126 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर 16,216 करोड़ की लागत आएगी। टनल का निर्माण टनल बोरिंग मशीन के जरिए किया जाएगा।

वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि एनटीएम सुरंग निर्माण की अत्याधुनिक तकनीक है। यह समय और बचत तथा गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है। अब तक कुल 31 किमी सुरंग बन चुकी है। यह सभी निर्माण एनटीएम व एनएटीएम तकनीकी से हो रहे हैं। जबकि, परियोजना की सबसे लंबी डबल ट्यूब रेल टनल (14.08 किमी) को तैयार करने के लिए टनल बोरिंग मशीन की मदद ली जाएगी। यह टनल देवप्रयाग (सौड़) से जनासू तक बनेगी।

नार्वे के राजदूत ने देखी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की प्रगति
भारत में नार्वे के राजदूत हास जैकब फ्रेडन्लैंड ने शनिवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निरीक्षण किया। इस परियोजना पर नार्वे की एनटीएम तकनीकी से रेल सुरंग बन रही हैं। फ्रेडनलैंड सुबह दस बजे यहां रेल विकास निगम के परियोजना मुख्यालय पहुंचे थे। राजदूत ने परियोजना पर बन रही एडिट टनल-1 और एडिट टनल- 4 का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी, सहायक परियोजना प्रबंधक विजय बहुगुणा, चीफ जियोलाजिस्ट विजय डंगवाल, नार्वे दूतावास के सलाहकार विवेक कुमार, काउंसलर मारित मेरी स्टैंड आदि मौजूद रहे।

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