देहरादून। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. निधि उनियाल के साथ अभद्रता पर अस्पताल के चिकित्सकों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि गंभीर मरीज का घर पर उपचार नहीं किया जा सकता। मरीज को घर जाकर देखने की परंपरा तोड़नी चाहिए। चिकित्सकों ने एलान किया कि कोई भी चिकित्सक अब किसी अफसर या उसके परिजनों को देखने घर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि तय प्रोटोकाल के अनुसार जो भी ड्यूटी लिखित आदेश में होगी, वही करेंगे। वीआइपी ड्यूटी में तैनात अस्पताल के एक चिकित्सक को खाना नहीं मिलने की जानकारी पर भी उन्होंने रोष जताया।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
राज्य महिला आयोग ने सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर महिला चिकित्सक के साथ अभद्रता मामले की निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया है। महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। महिला चिकित्सक का मामला गंभीर है और इसकी निष्पक्ष जांच सीएम से कराने का अनुरोध किया है, ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके।
अधिकारियों को नसीहत दे सरकार : हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बोले चिकित्सकों का पेशा संवेदनशील है, उनका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो हुआ उसकी नौबत नहीं चाहिए। इतनी सी बात पर महिला चिकित्सक का ट्रांसफर अनुचित है। वीआईपी कल्चर पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मैं सीएम था तो मेरी कोशिश रहती थी अस्पताल जाकर ही इलाज करवाऊं। वैसे ही हमारे राज्य में चिकित्सकों की कमी है। उधर, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता ने महिला चिकित्सक के साथ अभद्रता पर कहा कि उत्तराखंड में नौकरशाह कितने फुर्तीले हैं, इसका उदाहरण स्वास्थ्य सचिव से मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत को जब कोरोना हुआ था तो वे स्वयं अस्पताल गए थे। लगता है कि सचिव मुख्यमंत्री से भी बड़े हो गए हैं।