देहरादून। कुट्टू का आटा नवरात्रि का प्रमख आहार माना जाता है। चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल से शुरू हो चुकी हैं। नवरात्रि में हिंदू अनुयायी अक्सर कुट्टू का आटे की बनी चीजें खाते हैं, जैसे कि कुट्टू की पूरी, कुट्टू के पकोड़े आदि। पंजाब में कट्टू को ओखला बोला जाता है और इसके आटे का काफी इस्तेमाल होता है। उपवास के दिनों में कुट्टू के आटे को श्रेष्ठ आहार माना जाता है। कुल मिलाकर शहर के सैकड़ों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां प्राथमिक उपचार शुरु कर दिया गया है। सूचना के बाद चंडीघाट चौकी इंचार्ज नवीन पुरोहित, कांस्टेबल राजवीर चौहान अस्पताल पहुंचे और मरीजों से उस दुकान के बारे में जानकारी जुटाई जहां से उन्होंने कुट्टू का आटा खरीदा था।
कुट्टू एक प्रकार का पौधा होता है, जिसकी बहुत सी प्रजातियां होती हैं, जिनमें से ज्यादातर जंगली होती हैं। इसके बीज को पीसकर एक आटा बनाया जाता है, जिसे भारतीय उपवास रखने वाले भक्त इस्तेमाल करते हैं। हालांकि ज्यादातर आटे अनाजों से बनते हैं और अनाज अधिकतर घास के परिवार के ही पौधे होते हैं, लेकिन कुट्टू न तो असली अनाज है और न ही वनस्पति परिवार में घास परिवार का सदस्य है। नवरात्रि के अवसर पर कुट्टू का आटा काफी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
हरिद्वार जिले में नवरात्रि पर कुट्टू का आटा खाने से सैकड़ों लोगों के बीमार होने की खबर सामने आई है। इसके खरीदारों की संख्या बहुत होती हैै, लेकिन इस दौरान खाद्य सामग्री में मिलावट की खबरें भी सामने आती रहती हैं। हरिद्वार के कांगड़ी, गाजीवली, भूपतवाला, श्यामपुर गांव के पास कई लोगों के विषाक्त भोजन का शिकार होने की खबर है। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. चंदन मिश्रा ने बताया कि मरीजों का उपचार चल रहा है। कुछ की हालत ज्यादा खराब है।
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