
देहरादून। नारी शक्ति का परचम लहरा रही मूल रूप से हरियाणा की दो बहनें ताशी और नुंग्शी। हौसला हो तो कौन नहीं चाहेगा मिसाल कायम करना, इसके लिए जुनून की जरूरत होनी चाहिए बस। नारी शक्ति का पर्याय ताशी और नुंग्शी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। ये दोनों एक साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली जुड़वां बहनें हैं। ये दोनों बहने स्विट्जरलैंड 100% महिला शिखर चुनौती के हिस्से के रूप में स्विस आल्प्स में दो 4000 मीटर चोटियों को फतह करने में कामयाब रही हैं।
पूरा देश इन्हें ‘एवरेस्ट गर्ल्स’ के नाम से पुकारने लगा है। जब दोनों बहनों ने अपने पहले बड़े ट्रैक, माउंट रुदुगैरा पर विजय हासिल की, तो फिर उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि इन दोनों की पर्वतारोही बनने की कोई योजना नहीं थी। आज सोशल मीडिया हो, कू ऐप हो या फिर उत्तराखंड टूरिज्म सबने इनके हौसले को बहुत ही खूबसूरती से उजागर किया है।
अपने खास अंदाज के लिए इन्हें लंदन की संस्था 21वीं सदी की आइकन पुरस्कार समिति द्वारा 21वीं सेंचुरी इंस्प्रेशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले 2016 में महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य करने पर स्काटलैंड से भी इन्हें सम्मान मिल चुका है। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में ताशी-नुंग्शी के नाम एक, दो नहीं बल्कि नौ रिकार्ड्स दर्ज हैं। ये वहनें तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी हैं।
अपने जुदा अंदाज के लिए उन्हें लंदन की संस्था 21वीं सदी की आइकन पुरस्कार समिति द्वारा 21वीं सेंचुरी इंसपिरेशन अवार्ड से सम्मानित हो चुकी हैं। इससे पहले भी वर्ष 2016 में महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य करने पर स्काटलैंड से उन्हें सम्मान मिला था। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में ताशी-नुंग्शी के नाम एक दो नहीं, बल्कि नौ रिकार्ड्स दर्ज हैं। वे तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड भी जीत चुकी हैं।