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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की भेंट चढ़ेंगे 11 हजार पेड़

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देहरादून। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए हजारों पेड़ों को बलि देनी पड़ेगी। प्रेस क्लब में संयुक्त नागरिक संगठन के पदाधिकारियों ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह बात कही। चारधाम परियोजना के लिए रोज कट रहे पेड़ों के कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी को इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही है।

उनका कहा था कि चारधाम परियोजना के लिए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर पर्यावरण को बहुत क्षति हो रही है। रविवार को संयुक्त नागरिक संगठन के बैनर तले कई संगठनों से जुड़े लोगों ने आशारोड़ी में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। उनका कहना था कि अधिकांश लोग दिल्ली का सफर करने के लिए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यात्रा का समय घटाने के नाम पर हजारों पेड़ों के कत्लेआम की अनुमति नहीं दी जा सकती।

सड़क चौड़ीकरण के लिए जब सड़क काटी जाती है, तब वहां घास, झाड़ियां, झरने, पानी के स्रोत, पेड़-पौधे सबको नुकसान होता है और पूरा यूको सिस्टम तबाह हो जाता है। एलिवेटेड सड़क इसका एक विकल्प हो सकता है। रविवार को देहरादून की कई संस्थाओं ने आशो रोड़ी चेक पोस्ट पर पहुंचकर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर दिखाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया।

प्राउड पहाड़ी संस्था के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रकाश नेगी ने कहा कि हम विकास के साथ हैं, लेकिन अंधे विकास के खिलाफ हैं। हम सभी को अपने पर्यावर के प्रति जागरुक होना होगा, नहीं तो आने वाला समय हमें इसके लिए माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विषय पर दोबारा मंथन करना चाहिए।

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