हल्द्वानी। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर अब तक का सबसे बड़ा अभियान हल्द्वानी में चलने वाला है। रेलवे ने अपनी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने को मास्टर प्लान तैयार कर विभाग को सौंप दिया है। विभाग के अधिकारी 11 अप्रैल से पूरा खाका जिलाधिकारी के सामने रखने वाले हैं। जिसके बाद पूरी पुलिस फोर्स के साथ करीब 4500 भवनों पर बुलडोजर की तैयारी होगी। इसमें स्कूल, मदरसा, धार्मि स्थल, अस्पताल सबकुछ खत्म होगा। जमीन पर हजारों मकान, दुकान, स्कूल, अस्पताल कैसे बने, रेलवे और प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
रेलवे की भूमि पर 1975 से अतिक्रमण का खेल चल रहा है। झुग्गियां कब कोठियों में बदल गईं, आरपीएफ हाथ पर हाथ धरे बैठी रह गयी। इस जमीन पर सरकारी अस्पताल बने, स्कूल बने, धार्मिक स्थल भी बन चुके हैं। सरकारी भूमि पर कब्जा करने में सियासतदारों ने उनका पूरा सहयोग किया। वोट की खातिर इन्हें बिजली, पानी का कनेक्शन से लेकर आधार कार्ड, वोटर कार्ड तक जारी हुए।
सुप्रीमकोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया
सुप्रीमकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई कर अतिक्रमणकारियों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस जारी करने, उनकी आपत्तियों को तीनमाह में निस्तारित करने का आदेश रेलवे को देते हुए मामले को हाईकोर्ट भेज दिया। नैनीताल हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक उनके समक्ष दायर वादों को निस्तारित करने का आदेश दिया। रेलवे के अनुसार 4356 वादों का निस्तारण हो चुका है। अतिक्रमणकारियों के पास कब्जे को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
विश्व स्तरीय स्टेशन बनेगा हल्द्वानी
अगर अतिक्रमण हट गया तो हल्द्वानी स्टेशन विश्व स्तरीय का दर्जा हासिल कर सकता है। 14 साल पहले 29 एकड़ की भूमि पर वाशिंग लाइन, मेंटीनेंस लाइन बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ। रेलवे के तत्कालीन महाप्रबन्धक ने भी जमीन का मुआयना किया, लेकिन अतिक्रमण ने पूरीयोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।