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आय से अधिक संपत्ति मामले में डीएफओ किशनचंद की चार्जशीट तैयार

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देहरादून। आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएफएस किशनचंद ने अच्छे अच्छों को पीछे छोड़ दिया है। विजिलेंस ने 2019 में किशनचंद के खिलाफ जांच शुरू की थी। आय से अधिक संपत्ति की विजिलेंस जांच पूरी होने पर हर कोई हैरान है।

जानकारी के अनुसार विजिलेंस निदेशक अमितसिन्हा की टीम ने जांच कर पूरी कर ली है। राज्य की तरफ से अभियोग की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन आईएफएसआफीसर होने के नाते मुकदमा चलाने के लिए केंद्र की अनुमति जरूरी है। ऐसे में फाइल केंद्र के पास भेज दी गयी है। अनुमति मिलने केबाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी।

लैंसडाउन प्रभाग में लोगों से जमा कराई धनराशि
किशनचंद ने ट्रस्ट में लोगों से बड़ी मात्रा में धनराशि जमा कराई। यह धनराशि हरिद्वार के डीएफओ पद पर रहते हुए जमा कराई गयी। विजिलेंस ने चार्जशीट में यह जिक्र किया है कि इन्होंने डीएफओ हरिद्वार रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने के नाम पर उनकी जमीनें अपने नाम करवाईं। देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान खरीदा। मकान के लिए 60 लाख स्कूल के ट्रस्ट से उधार लिया। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए और इस पैसे को एक दिन पहले अलग अलग लोगों से जमा करवाया।

बेटे के नाम स्टोन क्रशर तो पत्नी के नाम स्कूल
2017 में वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ी थी। हालांकि अभी तक उन्होंने जीत का स्वाद नहीं चखा है। विजिलेंस ने अपनी चार्जशीट में जो आरोप लगाये, वह आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित करनाहै। विजिलेंस ने ऐसी ही 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया है। इस संपत्ति में किशनचंद की मात्र सातकरोड़ की संपत्ति है। ज्यादातर संपत्तियां परिजनों केनाम खरीदी हैं। भोगपुर में बेटे के नाम अभिषेक स्टोन क्रशर चल रहा है। पिरानकलियर में पत्नी केनाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल चलरहा है। स्कूल केलिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट भी बनाया गया है।

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