देहरादून। बिजली पेयजल संकट के खिलाफ शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मौन उपवास रखा। उन्होंने सरकार पर लगाया कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण राज्य में बिजली संकट पैदा हुआ है। प्रदेश की जनता बिजली कटौती से परेशान है। की घंटे हो रहे पावर कट की वजह से लोग गर्मी से बेहाल हैं।
अघोषित तरीके से घंटों गायब है बिजली और पानी
हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा ‘ओम शांति-शांति-शांति। राज्य में सरकार की लापरवाही की वजह से बिजली पेयजल संकट पैदा हुआ है। इंडस्ट्रीज और व्यवसायी परेशान हैं, पढ़ने वाले छात्र 8-10 घंटे की कटौती से हलकान हैं। मैंने इसके खिलाफ पहले भी आवाज बुलंद की थ, आज मेरा एक निजी प्रयास है। एक सीनियर सिटीजन के नाते यह मेरा गैर राजनीतिक प्रयास है, इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
मैंने इसके खिलाफ पहले भी आवाज बुलंद की थी, आज मेरा एक निजी प्रयास है, एक सीनियर सिटीजन के नाते, यह मेरा गैर राजनीतिक प्रयास है इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। बिजली कटौती के कारण शहरवासी दोहरी मार झेल रहे हैं। बिजली कटौती से लोगों को पानी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है।
बिजली कटौती के कारण कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इस संबंध में ऊर्जा निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा कि जल संस्थान के फीडर की सप्लाई बंद न की जाए, जिससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित न हो और उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे। –अरुण सोनी, सहायक अभियंता, जल संस्थान