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जन्मस्थली और कर्मस्थली के बीच सेतु बनेगा चंपावत

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देहरादून। जन्मस्थली और कर्मस्थली के बीच चंपावत सेतु का करने जा रहा है। गुरु गोरखनाथ मंदिर में मत्था टेकने के बाद सीएम धामी ने मंदिर की परिक्रमा की। महंत सोनूनाथ ने सीएम को उपचुनाव में जीत का प्रसाद दिया। मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि डीडीहाट और खटीमा मेरी जन्मस्थली और कर्मस्थली है और इन दोनों के बीच खड़ा चंपावत मेरी कर्म और धर्मस्थली बनेगी। मुख्यमंत्री ने चंपावत में चुनावी बिगुल बजा दिया है। उन्होंने चंपावत में विकास के लिए हर स्तर पर काम करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि चंपावत का विकास बुलेट ट्रेन की द्रुतगति से होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चंपावत सहित सभी पिछले जिलों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ेगी। धामी ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा। अगर इसमें किसी भी तरह की विधिक अड़चन आएगी तो भारत सरकार से मार्गदर्शन लेंगे। चंपावत में सीएम का कैंप कार्यालय भी खोला जायेगा। सीएम ने चाय बागान से हिंगला देवी मंदिर तक रोप-वे बनाने के लिए विभाग को शीघ्र निर्देशित करने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री ने चंपावत के लिए घोषणाओं का पिटारा खोलते हुए कहा कि टनकपुर-चंपावत में एक-एक एआरटीओ कार्यालय खोला जायेगा। चंपावत गोलू देवता, घोड़ाखाल गोलू देवता और चितई गोलू देवता को मिलाकर एक विशेष गोलज्यू कारिडोर बनाया जायेगा। चंपावत को अखिल भारतीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र में लाने के लिए पर्यटन विभाग विशेष कार्ययोजना तैयार करेगा। मां पूर्णागिरि मंदिर क्षेत्र और देवीधुरा मंदिर क्षेत्र का प्राथमिकता के आधार पर विकास किया जायेगा।

धामी ने चंपावत में हाईटेक मौनपालन प्रशिक्षण केंद्र खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने कहाकि मौनपालन की संभावनाओं के संबंध में विवरण उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने उद्यान प्रभारी को सीएमआवास परिसर और परिसर के बाहर खाली स्थानों पर मौनपालन के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए।

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