यमकेश्वर। ऋषिकेश एम्स के सात बड़े अधिकारियों पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। पूरे देश में सीबीआई 24 स्थानों पर छापेमारी कर कार्रवाई कर रही है।
ऋषिकेश एम्स में खरीदारी और टंडर आवंटन में हुए घोटालों की जांच के बाद सीबीआई के इस कदम से एम्स में हड़कंप मचा है। सीबीआई ने तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसरों और अनय के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिनमें तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी, एम्स के तत्कालीन लेखा अधिकारी और नई दिल्ली स्थित निजी फर्म के मालिक शामिल हैं।
सीबीआई की दस्तक के बाद हड़कंप
सीबीआई का आरोप है कि इन आरोपियों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। उन्होंने फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की बेईमानी से जांच की और उन फर्मों को अनुमति दी, जिन्होंने अपने दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। आरोपियों ने कथित तौर पर अपराध के महत्वपूर्ण सबूतों को गायब कर दिया था।
रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में लगभग 2.41 करोड़ रुपये और केमिस्ट शाप की स्थापना के लिए टेंडर के पुरस्कार में लगभग दो करोड़ का कथित नुकसान हुआ है। दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
मुनिकीरेती क्लीनिक पर भी सीबीआई का छापा
आरोपी अपने ठिकानों पर नहीं मिले। जानकारी के अनुसार एम्स ऋषिकेश प्रशासन से जुड़ी एक महिला अधिकारी के पति जो ऋषिकेश एम्स में डेंटलकालेज में बड़े पद हैं, उनके घर और मुनिकीरेती क्लीनिक पर भी सीबीआई टीम पहुंची। इसके साथ ही इस कैंपस में रहने वाले आरोपियों के यहां भी सीबीआई कार्रवाई कर रही है। ऋषिकेश के भीतर प्राइवेट मेडिकल स्टोर में भी सीबीआई पूछताछ के लिए पहुंची है।