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ऊर्जा प्रदेश में ऊर्जा संकट से कैसे मिलेगी राहत?

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देहरादून। ऊर्जा प्रदेश में ऊर्जा का संकट गले से नहीं उतर रहा है। उत्तराखंड में बिजली संकट के बीच कटौती की मार जारी है। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक हफ्ते के भीतर बिजली संकट दूर होने का आश्वासन दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय बाजार से जरूरत के मुताबिक ऊंचे दामों पर भी बिजली खरीद करने की अनुमति दे दी है।

ऊर्जा संकट दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा निगम को हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में प्रतिदिन बिजली की खपत 47 मिलनट यूनिट के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। यह खपत पिछले साल की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। दूसरी तरफ बिजली की उपलब्धता 44 मिलियन यूनिट से ऊपर नहीं पहुंच पा रही है।

रोज कम से कम दो से तीन मिलिनट यूनिट बिजली की कमी हो रही है। ऐसे में औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की मार पड़ रही है। हालांकि कई शहरी इलाकों में भी एक घंटे से अधिक की कटौती की जा रही है।

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मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बिजली संकट को लेकर सरकार की तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल विद्युत परियोजना से प्राप्त बिजली के साथ ही राष्ट्रीय बाजार से थर्मल और गैस प्लांट से बिजली की खरीद की जा रही है। आपूर्ति सुचारू रखने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

इधर बृहस्पतिवार के लिए निगम ने बिजली की मांग 47 मिलयन यूनिट आंकी है, जबकि राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं के उत्पादन और केंद्र से आवंटित कोटे के तहत कुल 29 मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। शेष 16 मिलियन यूनिट बिजली की व्यवस्था बाजार से कर दी गयी है। लेकिन, अब भी दो मिलियन यूनिट बिजली की कमी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र और उद्योगों में कुछ घंटें कटौती की जा रही है।

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