
बेरीनाग पिथौरागढ़, 15 सितम्बर। पिथौरागढ़ की 6 साल की मासूम बिटिया का अपहरण फिर दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी के सुप्रीम कोर्ट से बरी किए जाने के फैसले पर बेरीनाग में भी जन आक्रोश फूटा पड़ा. इस फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर गए. गुस्साए लोगों ने लोनिवि अतिथि गृह से शहीद चौक तक कैंडल मार्च निकालकर नन्ही परी को न्याय दिलाने की मांग की. साथ ही मुख्य आरोपी को फांसी की सजा नहीं दिए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.
पिथौरागढ़ की नन्ही परी केस को रीओपन कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार देर शाम महिलाएं, बुजुर्ग, युवा, व्यापारी, कर्मचारी संगठन, पूर्व सैनिक, राजनीतिक संगठन, विभिन्न सामाजिक संगठन ने एकजुट होकर सड़कों पर उतरे. जहां उन्होंने कैंडल मार्च निकाले हुए विरोध जताया. कैंडल मार्च सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा. हाथों कैंडल और तख्ती लेकर लोग नया बाजार बस स्टेशन होते हुए शहीद चौक पर पहुंचे.
बेटी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं के नारों से गूंज उठा इलाका
इस दौरान पूरा इलाका नन्ही परी को ‘न्याय दो…..न्याय दो….. बेटी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं.. न्याय दो न्याय दो…’ के नारों से गूंज उठा. लोगों का कहना था कि जब तक नन्ही परी के आरोपियों को सजा नहीं मिल जाती है, तब तक वो लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे. इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष हेमा पंत और व्यापार संघ अध्यक्ष राजेश रावत ने कहा जब तक नन्ही परी के दोषियों को सजा नहीं मिल जाती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
उन्होंने सरकार से जल्द सुप्रीम कोर्ट में केस रीओपन कराने की मांग की है. उधर, गंगोलीहाट में भी विभिन्न संगठनों की ओर से कैंडल मार्च निकालकर नन्ही परी को न्याय देने की मांग की गई. उन्होंने एक सुर में कहा कि मासूम बिटिया को न्याय मिलना चाहिए. उसके साथ दरिंदगी करने वालों को फांसी दी जाए.
क्या था मामला? बता दें कि 20 नवंबर 2014 को कुमाऊं के प्रवेश द्वार काठगोदाम (हल्द्वानी) से पिथौरागढ़ की 6 साल की मासूम बच्ची अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में गई थी. जहां से वो अचानक लापता हो गई थी. काफी तलाश करने पर भी वो नहीं मिली. घटना के 6 दिन बाद बच्ची का शव गौला नदी से बरामद हुआ. वहीं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म (गैंगरेप) फिर हत्या की पुष्टि हुई. इस घटना के 8 दिन बाद पुलिस ने चंडीगढ़ से मुख्य आरोपी अख्तर अली को गिरफ्तार किया. उसके साथ ही दो अन्य आरोपी प्रेमपाल और जूनियर मसीह को भी गिरफ्तार किया गया.
वहीं, मार्च 2016 में हल्द्वानी की एडीजे स्पेशल कोर्ट ने आरोपी अख्तर अली को गैंगरेप एवं हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई. वहीं, एक अन्य आरोपी प्रेमपाल को 5 साल की सजा सुनाई गई. जबकि, नैनीताल हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2019 में निचली अदालत के इस फैसले को बरकरार रखा था. अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्य आरोपी अख्तर अली को बरी कर दिया गया है. जिसके बाद लोगों में भारी आक्रोश है.