मथुरा में शाही ईदगाह को हटाने की मांग की याचिका मंजूर

मथुरा। मथुरा में शाही ईदगाह को हटाने की मांग की याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में मथुरा की जिला अदालत ने श्रीकृष्ण विराजमान की रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली है। जिला जज अब किस कोर्ट को सुनवाई के लिए यह प्रकरण देंगे, अभी फैसला नहीं लिया गया है।
रंजना अग्निहोत्री ने सितंबर 2020 में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को रद करने की मांग की है। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है।
मथुरा में शाही ईदगाह प्रकरण में जिला जज राजीव भारती की अदालत के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वाद की स्वीकारोक्ति को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल से जिला जज की अदालत में रिवीजन में सुनवाई चल रही थी।
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री द्वारा अदालत में पेश वाद में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को श्री कृष्ण विराजमान की संपत्ति माना है और उन्होंने अदालत से कहा है कि यह संपत्ति श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपी जानी चाहिए। वह खुद श्रीकृष्ण विराजमान की भक्त बन कर सामने आई हैं। अदालत में सबसे पहले इस संबंध में वाद पेश करने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट तथा शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित पदाधिकारियों के बीच में समझौते को गलत बताया।
5 मई को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन तथा अन्य द्वारा जिला जज की अदालत में बहस की गई। शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा। जिला जज राजीव भारती ने निर्णय को रिजर्व करते हुए निर्णय के लिए 19 मई तय की थी।