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राशनकार्ड सरेंडर व रिकवरी को लेकर यूपी सरकार ने साफ की स्थिति

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लखनऊ। राशनकार्ड सरेंडर व रिकवरी को लेकर यूपी की योगी सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह बात पूरी तरह आधारहीन है। यूपी में राशनकार्ड सरेंडर अथवा निरस्तीकरण के संंबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है। न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही वसूली को कोई आदेश जारी हुआ है। अप्रैल 2020 से अब तक प्रदेश में 29.53 लाख नए राशनकार्ड विभाग पात्र लोगों को जारी कर चुका है। अपात्रों से राशनकार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर प्रदेशभर में काफी हलचल है। केवल अप्रैल में 43 हजार ने अपने कार्ड सरेंडर किए। मई में यह आंकड़ा इसके पार जाने की स्थिति में है।

ये हैं राशन कार्ड के अपात्र- आयकर दाता हों, 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट, मकान या फ्लैट हो, जिनके चौपहिया वाहन हो, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर हो, जिनके पास एयर कंडीशनर है, जिनके परिवार की आय गांवों में दो लाख रुपये और शहरों में तीन लाख रुपये से अधिक है, 5 केवीए क्षमता का जनरेटर हो, एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हों, 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो।

वसूली करना संभव नहीं- खाद्य आयुक्त के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं है। इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार नवीन राशनकार्ड जारी करता है।

कैसे पैदाहुई भ्रामक स्थिति
दरअसल जिलों के जिलाधिकारियों ने अपात्रों को राशनकार्ड सरेंडर करने और न करने की स्थिति में रिकवरी के आदेश जारी कर दिये। मीडिया और सोशल मीडिया में यह मुद्दा जोरों से उठा। परिणाम यहरहा कि भ्रामक सूचनाओं के आधार पर लोग राशनकार्ड निरस्त कराने के लिए आपूर्ति कार्यालयों के चक्कर काटने लगे।

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