
देहरादून। बैंक अधिकारी ही जब जनता की जेब काटने पर आतुर हो जाए तो फिर कोई नहीं बचाने वाला। देहरादून में बैंक अधिकारी की मिलीभगत से खाताधारक के खाते से धोखाधड़ी कर रुपये निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के प्रबंधक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर आम जनता की जेब काटने में तुले हैं।
थाना विकासनगर के हर्रबटपुर निवासी अतुल कुमार शर्मा ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनकी माता के बैंक खाता का एसएमएस अलर्ट नंबर बिना उनकी अनुमति के बदल कर 30.95 लाख रुपये निकाले गए। मामले को गंभीरता से लेते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई।
आरोप है कि दिल्ली कि दिल्ली में बैंक कर्मचारियों द्वारा खाताधारक के खाते में एसएमएस अलर्ट का नंबर बदलकर उसकी अनुमति के बिना 30.95 लाख रुपये उड़ा दिए। पता चला कि महिला का खाता निष्क्रिय था। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। नेट व मोबाइल बैंकिग से शिकायतकर्ता के पैसों से ऑनलाइन सोना खरीदा गया, फिर उसे बेचकर रुपये हड़प लिए। पुलिस ने मामले में दिल्ली करोल बाग से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है। घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ईवालेट, सीसीटीवी फुटेज सभी साक्ष्य इकट्ठा किये जा रहे हैं।
बैंक प्रबंधक से पूछताछ में पता चला कि वह सेंट्रल बैंक के एएफओ मोहम्मद आजम व सहायक प्रबधंक कविश डंग के साथ मिलकर काफी समय से इनएक्टिव खातों की जानकारी कर उसके एसएमएस अलर्ट का नंबर बदलकर खातों से रुपयों उड़ा देते थे। पुलिस ने मोहम्मद आजम व कविश को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से गिफ्तार किया है।