आधा दांत तोड़कर बोले डाक्टर साहब, कल आना, अभी औजार नहीं
यमकेश्वर। आधा दांत तोड़कर बोले डाक्टर साहब अब कल आना, अभी औजार नहीं। ये हाल है पहाड़ों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का। पौड़ी गढ़वाल के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और चिकित्सकों की भारी कमी के चलते इन इलाकों में मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल खुद ही वेंटिलेटर पर चल रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल में अपनी बेटी के दांत का उपचार करने के लिए पहुंचे एक व्यक्ति ने अस्पताल के चिकित्सक पर अधूूरा उपचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उपचार के नाम पर बेटी का आधा दांत तोड़कर उसे घर भेज दिया गया। व्यक्ति ने मामले की शिकायत ब्लाक चिकित्साधिकारी से की।
स्यूंसी निवासी शिशुपाल भंडारी ने बताया कि वह अपनी बेटी अंकिता (17) को दांत में दर्द होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल ले गए थे। अस्पताल में तैनात चिकित्सक ने उपचार के दौरान बेटी का दांत आधा तोड़ दिया और इसके बाद पूरा दांत निकालने के लिए उपकरण नहीं होने की बात कर उसे तीन दिन बाद आने को कहा। शिशुपाल ने बेटी के समुचित उपचार की बात कही तो डॉक्टर ने कमरे से बाहर जाने के लिए कह दिया।
टूटे दांत के दर्द के साथ वे बेटी को लेकर घर आ गए। रातभर दर्द से परेशान बेटी को अगले दिन कोटद्वार जाकर उपचार कराया। शिशुपाल भंडारी ने कहा कि जब से अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हुआ है, तब से जनता परेशानी से जूझ रही है। उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
पीपीपी मोड में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल में उपचार में लापरवाही का मामला संज्ञान में आया है। मामले में अस्पताल के प्रबंधक और संबंधित चिकित्सक से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले की रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी। – डॉ. शैलेंद्र रावत, ब्लाक चिकित्साधिकारी बीरोंखाल।