नई शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य

देहरादून। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देख का पहला राज्य बन जायेगा। शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाल बाटिकाओं का उद्घाटन कर नई शिक्षा नीति (एनईपी) का शुभारंभ करेंगे।
उत्तराखंड में आज मंगलवार से नई शिक्षा नीति लागू हो जायेगी। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि इसके अंतर्गत कक्षाएं प्री प्राइमरी से शुरू होंगी। एनसीईआरटी द्वारा इसका पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। प्री प्राइमरी कक्षाओं को शिक्षा विभाग ने बाल वाटिका का नाम दिया है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा बाल वाटिका का संचालन
शिक्षा ने कहा कि पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिकाओं का संचालन शुरू होगा। विकासखंड स्तर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतनिधियों की मौजूदगी में चिन्हित आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिकाओं का शुभारंभ किया जायेगा। इसमें शिक्षाविद, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिए हस्तपुस्तिका, बच्चों के स्वास्थ्य, संवाद और सृजन नाम की तीन अभ्यास पुस्तिकाएं तैयार की गयी हैं।
नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी से शुरू होंगी कक्षाएं
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं का संचालन कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया जायेगा। विभाग की ओर से इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है।
प्रदेश में 20 हजार से अधिक हैं आंगनबाड़ी केंद्र
उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14,555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं।