उत्तराखंड शिक्षा विभाग का कमाल, मृत शिक्षक का ही कर दिया तबादला

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में लोग कितने शिक्षित, मेहनती और कर्मठ होंगे, इसकी वागनी इसी बात से लग जाती है कि रुद्रप्रयाग जिले में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत चार साल पहले मृत शिक्षक का तबादला आदेश जारी कर दिया गया। इस बात को लेकर शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। जहां सीएम साहब नई शिक्षा नीति लागू करने में अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, वहीं ऐसी अजीबोगरीब बात सामने आती है
ये उत्तराखंड है जनाब, यहां सबकुछ संभव
ये उत्तराखंड है जनाब। यहां जो कुछ हो जाए वही कम है। लफ्फाजी वाले भाषणों में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। वैसे भी हमारा प्रदेश नंबर वन की दौड़ में अग्रणी रहने की कोशिश कर रहा है। चाहे वो कामन सिविल कोड हो या फिर नई शिक्षा नीति लागू करना। भले ही एक ओर सीएम धामी नई शिक्षा नीति लागू कर अपनी पीठ थपथपा लें, लेकिन दूसरी ओर उत्तराखंड शिक्षा विभाग जहां सारे लोग शिक्षित ही होते होंगे, में मृतक शिक्षक का तबादला किए जाने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग में कितनी घोर लापरवाही होगी। खूब किरकिरी होने पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस संबंध में सख्त रुख अपनाते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये हैं।
मृत शिक्षक के तबादले पर शिक्षा मंत्री सख्त
शिक्षा मंत्री ने बयान जारी कर बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में वार्षिक स्थानांतरण 2022-23 के अंतर्गत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण सामने आया है, जिसमें विभागीय अधिकारियों के अपने कार्य के प्रति संवेदनहीनता सामने आयी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के अंदर जांच कराने के साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जो भी दोषी पाया जायेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में विभागीय अधिकारियों से कहा कि तबादला प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें अन्यथा जिम्मेदार अधिकारी परिणाम भुगतने को तैयार रहें।