
देहरादून। परिवहन मंत्री चंदन रामदास जी अभी फाइल का ही इंतजार कर रहे हैं और उधर, रोडवेज से लेकर ट्रक, टैक्सी, विक्रम, आटो, ई-रिक्शा, निजी बस सबका बढ़ा हुआ किराया शनिवार से ही लागू कर दिया गया। ऐसा कैसे हो गया, वैसे हमारे प्रदेश में सब कुछ संभव है।
दरअसल राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की ओर से किराये की दरें तय होने के साथ परिवहन निगम ने सभी का किराया तय कर दिया। निगम ने नई दरें अपडेट भी कर दीं, लेकिन बेचारे परिवहन मंत्री अभी फाइल के इंतजार में ही बैठे हैं। उनका कहना है कि एसटीए उन्हें जो प्रस्ताव देगा, उस पर वह और मुख्यमंत्री बैठकर निर्णय लेंगे, गजब हाल है हमारे प्रदेश का। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है।
उधर, परिवहन विभाग के मुखिया शनिवार से हुई यात्रा भाड़ा और माल भाड़े में वृद्धि से बिल्कुल अनजान हैं। मीडिया से बातचीत में उनका कहना था कि उन्हें समाचार पत्रों से ही किराया बढ़ोत्तरी की जानकारी मिल रही है। उनका कहना था कि अभी एसटीए को पूरा अध्ययन करने के बाद किराये की दरें प्रस्तावित करने का अधिकार है।
बसों का किराया कर सकते हैं संशोधित
परिवहन मंत्री का कहना है कि इस पर अंतिम प्रदेश के मुख्यमंत्री और वह स्वयं निर्णय लेंगे, जबकि नियमानुसार एसटीए अगर एक बार जो भी किराये की दरें निर्धारित कर देती हैं, तो उसे संशोधित करना इतना आसान नहीं। उसे केवल हाईकोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है, अन्यथा नहीं। हां अगर सरकार या मंत्री चाहें तो वह परिवहन निगम की बसों का किराया संशोधित कर सकते हैं।
एसटीए की बैठक हुई है, जिसे पहले अधिकार दे रखा है कि वह अध्ययन करके किराये का निर्धारण करें। एसटीए अपनी सिफारिश शासन को भेजेगी। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद होगा।
चंदन रामदास, परिवहन मंत्री