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हत्या का मुकदमा दर्ज न होने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने रिखणीखाल थाना घेरा

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लैंसडाउन। हत्या का मुकदमा दर्ज न करने पर आक्रोशित 15 गांव के ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यप्रणाली से खफा होकर रिखणीखाल थाने का घेराव किया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस हत्या का मुकदमा दर्ज न कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर ही है।

जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन
रिखणीखाल क्षेत्र के एक युवक की संदग्ध मौत मामले का खुलाशा न होने के आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली। ग्रामीण सीबीसीआईडी की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रामपाल पुत्र कृपाल सिंह निवासी कलिकों, पो. नौदानू गत तीन जून बीस गति कौथिग में शामिल होने के लिए घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा।

पुलिस ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट
ग्रामीणों ने परिजनों की मदद से उसकी खोजबीन शुरू की। पांच जून को रामपाल का शव एक नहर से बरामद किया गया था। मृतक का भाई धर्मपाल हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने रिखणीखाल थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उसकी प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। ग्रामीणों ने पुलिस पर हत्या मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को पूर्व ब्लाक प्रमुख पिंकी नेगी के नेतृत्व में दर्जनों गांव के ग्रामीण रिखणीखाल बाजार में इकट्ठा हुए और पुलिस के खिलाफ जुलूस निकाला। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ने इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की तो ग्रामीण पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे। पुलिस चौकी का घेराव करने वालों में ग्राम प्रधान वीरा देवी, पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह, संजय सिंह, धर्मपाल सिंह, सारिका, अनीता, दीपा, प्रतिभा, रीना, आरती मुख्य रूप से शामिल रहे।

रिखणीखाल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक कमलेश कुमार शर्मा का कहना हैकि ग्रामीणों की ओर से दी गई नामजद रिपोर्ट की जांच में किसी प्रकार की हत्या का मामला सामने नहीं आया है। लोगों ने शव मिलने के स्थान पर मृतक को अकेले लड़खड़ाते हुए देखा था।

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