
गोपेश्वर। आईटीबीपी जवान की मौत पर सवाल उठ रहे हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या। जम्मू के उधमपुर में आईटीबीपी में तैनात भूपेंद्र की मौत को लेकर परिजनों ने आज तब हंगामा खड़ा कर दिया, जब आईटीबीपी के अधिकारी जवान के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे। मृतक के पिता का कहना था कि उनके बेटे की हत्या हई है।
पिता ने शव लेने से किया इन्कार
पिछले शनिवार को जम्मू के ऊधमपुर में आईटीबीपी में तैनात भूपेंद्र की मौत हो गयी थी। अधिकारियों ने परिजनों को बताया कि भूपेंद्र ने तीन साथियों पर फायर किया और उसके बाद आत्महत्या कर ली। सोमवार को जवान का पार्थिव शरीर लेकर आईटीबीपी के अधिकारी जवान के पैतृक गांव ग्वाड़ पहुंचे, तो मृतक के पिता सूबेदार मेजर बलवंत सिंह ने बेटे का पार्थिव शरीर लेने से इन्कार कर दिया। पांच घंटे तक चली वार्ता के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद मृतक भूपेंद्र का पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
आईटीबीपी ने कोर्ट आफ इन्क्वायरी के दिए आदेश
शुरु में कहा जा रहा था कि भूपेंद्र सिंह ने तीन जवानों को गोलियां मारने के बाद खुद को गोली मारी है, लेकिन बाद में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और अंदेशा जताया जाने लगा कि कहीं जवानों ने एक-दूसरे पर गोलियां तो नहीं चलाईं। इसको लेकर आईटीबीवी ने भी कोर्ट आफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिये हैं।
मौत से पहले भेजा था व्हाट्सएप पर मैसेज
हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी आईटीबीपी जवान की मौत पर परिजनों का कहना था कि आत्महत्या की खबर दिए जाने से पहले भूपेंद्र ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर कहा था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो जम्मू कंपनी पर केस कर देना। जम्मू पुलिस इसे हत्या करार दे रही है। आईटीबीपी ने भी मामले में कोर्ट आफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिये हैं।