गुलदार के साये में दुगड्डावासी, महिला के घर के पास मंडराता रहा गुलदार

यमकेश्वर। गुलदार के साये में दुगड्डावासियों ने किसी तरह रात गुजारी। महिला को मौत के घाट उतारने वाले गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने गांव में पिंजरा भी लगाया, लेकिन गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं फटका। वह महिला के घर से 100 मीटर की दूरी पर ही मंडराता रहा। वन विभाग ने घटनास्थल पर दो कैमरा भी लगाए हैं।
वन विभाग के रेंज अधिकारी डीएन ध्यानी ने बताया कि मंगलवार को ही गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगा दिया गया था। कोटद्वार के दुगड्डा के गोदी बड़ी के ग्रामीण अभी भी गुलदार के साये में जी रहे हैं, क्योंकि गुलदार अभी भी घटनास्थल के आस-पास मंडरा रहा है, लेकिन पिंजरे के आसपास नहीं आया। गुलदार मृतका के घर से 10 मीटर की दूरी पर ही चहलकदमी करता रहा।
परिजन चंद्रप्रकाश ध्यानी ने बताया कि मृतका का पोस्टमार्टम करने के बाद शव को गांव ले जाया गया और बुधवार सुबह कोटद्वार के मुक्तिधाम घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मृतका के पति को वन विभाग देगा नौकरी
गांव में हुई सभा में ग्रामीणों ने वन विभाग से हमलावर गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसी घटना की दोबारा पुनरावृत्ति न हो, नहीं तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। डीएफओ लैंसडौन दिनकर तिवारी ने बताया कि मृतका के पति मनोज तिवारी को वन विभाग में वन श्रमिक के तौर पर नौकरी दी जायेगी।
रेनू बिष्ट ने जताई संवेदना
यमकेश्वर की विधायक रेनू बिष्ट ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। रेनू बिष्ट परिजनों को सांत्वना देने मृतका के घर पहुंची थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक और डीएफओ लैंसडौन को पीड़ित परिवार को नियमानुसार उचित मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए।