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मैं जिंदा हूं साहब, मृत्यु प्रमाणपत्र लेकर सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहा शख्स

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अयोध्या। मैं जिंदा हूं साहब। जिंदा को मुर्दा बना देने का सरकारी खेल यदा-कदा सामने आता रहता है। ऐसा ही एक कारनामा उत्तर प्रदेश के अयोध्या के बीकानेर में सामने आया है। जिस शख्स का 20 साल पहले मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया, वह अपने जीवित होने का प्रमाण दे रहा है। मामले को लेकर ब्लाक, तहसील में खलबली मची है। आनन-फानन में जांच के आदेश दे दिए गये हैं।

यूपी के अयोध्या में सरकारी महकमे में ऐसा ही एक अजब-गजब का खेल सामने आया, जहां एक व्यक्ति अपने वजूद को साबित करने को सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहा है। मामला अयोध्या जिले के तहसील बीकापुर के विकासखंड तारुन के अंतर्गत ग्राम पंचायत भादरखुर्द का है। बुजुर्ग महावीर पुत्र रामफल ने उप जिलाधिकारी के सामने पेश होकर मैं जिंदा हूं साहब का सबूत दे दिया है।

दरअसल 20 साल पहले ग्राम विकास अधिकारी द्वारा उसे कागज में मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। ‍षडयंत्रकारी इतने चालाक निकले कि अब 20 साल बाद मृत्यु प्रमाणपत्र का सहारा लेकर विरासत के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया।

आनलाइन आवेदन हुआ निरस्त
शातिरों ने इसके लिए आनलाइन आवेदन किया, जिसे शंका होने पर राजस्व लेखपाल द्वारा निरस्त कर दिया गया। पीड़ित महावीर ने बताया कि वह कहार जाति का है। उसकी भूमि गाटासंख्या 1093 स्थित ग्राम भादरखुर्द को षडयंत्र के तहत अन्य बिरादरी के माफियाओं छलकपट करके हथियाना चाहते हैं।

जांच के दिए गए निर्देश
उपजिलाधिकारी बीकापुर ने गंभीरता को देखते हुए इस संवेदनशील मामले की जांच तहसीलदार को सौंपी है। दूसरी ओर खंड विकास अधिकारी तारुन को भी जांच करने को कहा है। पीड़ित महावीर के वकील रघुपति सिंह ने कहा कि तहसील प्रशासन से निवेदन किया गया है कि यदि इस संबंध में कोई खरीद-बिक्री होती है तो उसकी जानकारी मेरे क्लाईंट तक मुहैया कराई जाये।

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