
देहरादून। ग्रेड पे को लेकर उत्तराखंड पुलिकर्मियों के परिजनों ने सरकार की नींद फिर खराब कर दी है। उन्होंने सरकार और पुलिस को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के एक साल बाद भी सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ नहीं मिल पाया है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। मुख्यमंत्री ने 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद सरकार ने दो लाख रुपये देने का शासनादेश जारी कर दिया। विदित हो कि पुरानी व्यवस्था के हिसाब से अब 2002 बैच के सिपाही ही इसके हकदार माने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक उनसे एक साल पहले वालों को ही 4600 ग्रेड पे नहीं मिला है।
वित्तीय बोझ पड़ने के डर से सहमी सरकार
सरकार को डर है कि अगर पुलिस विभाग में यह व्यवस्था लागू हुई तो अन्य विभागों में इसकी तरह आवाज उठने लगेगी। ऐसे में सरकार इस मामले में हाथ पीछे खींचती दिख रही है।
कई दौर में हो चुका है आंदोलन
इसके लिए आंदोलन की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी। इसको लेकर पुलिसकर्मियों ने परिजनों सचिवालय तक कूच किया था। इसके बाद पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री आवास कूच किया था, जहां देर रात तक वहां बैठे परिजन पुलिस के मुखिया के समझाने के बाद हटे थे।
इस्तीफे तक हुए थे वायल
इस्तीफे की मांग जब पूरी नहीं हुई तो पुलिस के सिपाहियों ने इस्तीफे तक दे दिये थे, जो वायरल भी हुए थे। हालांकि इन्हें स्वीकार नहीं किया गया था। हां कुछ सिपाहियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई जरूर की गयी थी। इस साल के शुरुआत में भी इसी सिलसिले में 18-20 सिपाहियों के इस्तीफे देने की बात सामने आने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। इसके बाद आश्वासन के बाद पुलिसकर्मी शांत हो गये थे।