लाखों बेरोजगार युवाओं का भविष्य चौपट कर रही धामी सरकार
देहरादून। लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य को धामी सरकार अंधकार में डाल रही है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 8 भर्ती परीक्षाओं पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस्तीफा देते वक्त अध्यक्ष ने शासन को इन भर्तियां पर रोकने के लिए पत्र भेजा था। पेपर लीक घोटाले में घिरे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समूह-ग के करीब 4200 पदों पर होने वाली आठ भर्ती परीक्षाओं पर फिलहाल रोक लगा दी है।
विधानसभा चुनाव से पहले 20 हजार पदों पर था भर्ती का लक्ष्य
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने 20 हजार पदों पर भर्तियों का लक्ष्य रखा था। इसके सापेक्ष 4200 पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विज्ञप्तियां निकाली थीं। सभी भर्तियों की आवेदन प्रक्रिया पूर्ण हुए कही महीने बीत चुके हैं। वन विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग और ऊर्जा निगमों सहित कई विभागों में इन भर्तियों की जिम्मेदारी निभाने को आज कई महीनों से आयोग के पास परीक्षा नियंत्रक ही नहीं है।
तीन लाख से ज्यादा युवाओं को भविष्य चौपट
पटवारी-लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल, फारेस्ट गार्ड, सहायक लेखाकार रि-एक्जाम जैसी परीक्षाएं ऐसी हैं, जिनके लिए बड़ी संख्या में बेरोजगार बच्चों ने आवेदन किया है। छह महीने में इन भर्तियों की परीक्षा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब समय बीतते-बीतते अब वो उम्मीद भी धुंधलाती जा रही है।
ये प्रमुख भर्तियां हैं लटकीं
पटवारी-लेखपाल भर्ती- 520 पद, फारेस्ट गार्ड भर्ती- 894 पद, पुलिस कांस्टेबल भर्ती- 1521 पद, सब इंस्पेक्टर भर्ती- 272 पद, लैब असिस्टेंट भर्ती- 200 पद, सहायक लेखाकार रि-एग्जाम- 662 पद, उत्तराखंड जेई भर्ती- 76 पद और गन्ना पर्यवेक्षक भर्ती-100 पद
आयोग का काम बेहद गंभीर है। यहां परीक्षा नियंत्रक के लिए हम आठ महीने से शासन को पत्र भेज रहे हैं। अब हमने सभी आगामी भर्तियों की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। नया परीक्षा नियंत्रक आने के बाद ही भर्तियां होंगी। इस संबंध में शासन को मैंने आखिरी दिन पत्र भेज दिया था।
एस. राजू, निवर्तमान अध्यक्ष, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
आयोग की ओर से कार्मिक विभाग को अभी कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। परीक्षा नियंत्रक पद पर तैनाती के लिए प्रक्रिया चल रही है।
शैलेश बगोली, सचिव, कार्मिक एवं सतर्कता