प्रधान को कार्यकाल समाप्त होने पर बस्ता जमा न करने पर देना होगा 50 हजार जुर्माना

देहरादून। यदि कोई ग्राम प्रधान कार्यकाल समाप्त होने के बाद अपने उत्तराधिकाी यान नियत प्राधिकारी को चार्ज देने में आनाकानी करता है तो इसके लिए अब उससे 50 हजार रुपये जुर्माना वसूला जायेगा।
तीन साल की सजा हटाई गयी
ऐसे मामलों में पूर्व में उसे तीन साल की सजा का प्रावधान था, जो अब हटा दी गयी है। कैबिनेट ने अधिनियम की कई धाराओं में लघु उल्लंघनों के मामलों में सजा के प्राविधान को हटाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गयी है। हालांकि अब जुर्माना राशि कुछ ज्यादा ही भारी हो कर दी गयी है।
पंचायती राज अधिनियम में प्राविधान है कि कार्यकाल समाप्त होते ही ग्राम प्रधानों को तत्काल अपना बस्ता जमा कराना होगा। इसके उल्लंघन पर तीन साल की सजा और अर्थदंड का प्राविधान था। अब कैबिनेट ने ऐसे मामलों में पहली बार दोषी पाए जाने पर 10 हजार, दूसरी बार 25 और तीसरी बार दोषी पाए जाने पर 30 हजार और उसके बाद 50 हजार रुपये के अर्थदंड प्रस्तावित किया है।
डीपीसी की बैठक में भाग ले सकेंगे ब्लाक प्रमुख
जिला योजना समिति की बैठकों में अब सभी क्षेत्र पंचायत प्रमुख भाग ले सकते हैं। अभी तक जिला योजना समिति (डीपीसी) का गठन होने के बाद उसकी बैठकों में क्रमवार फिफ्टी-फिफ्टी प्रतिशत ब्लाक प्रमुखों के भाग लेने का प्राविधान था। कैबिनेट ने उत्तराखंड जिला योजना समिति अधिनियम 2007 में संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे सभी ब्लाक प्रमुख अपने जिले की डीपीसी की बैठकों में नियमित रूप से भाग ले सकेंगे। https://sarthakpahal.com/