उत्तरप्रदेशउत्तराखंडदेश-विदेशबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरशिक्षासामाजिक

लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं, स्वर्णा सिंहासन पर दर्शन देंगे ठा. राधाकांत

Listen to this article

देहरादून। लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की तैयारी पूरे देश में धूम-धाम से चल रही है। भक्त जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। द्वापर युग में श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और बुधवार को अर्द्धरात्रि में हुआ था।

इस साल भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी 18 अगस्त को रात 9.21 मिनट से शुरू होगी, जो 19 अगस्त की रात 11 बजे तक रहेगी। ऐसे में इस वर्ष जन्माष्टमी पर अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन पा रहा है। इस कारण श्रीकृष्ण जन्मदिवस दो दिन मनाया जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था इस कारण ज्यादातर लोग जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे।

लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त-18 अगस्त रात्रि 12 बजकर 20 मिनट से 1 जबकर 5 मिनट तक है। पूजा अवधि- 45 मिनट की रहेगी। व्रत करने वालों के लिए पारण का समय- 19 अगस्त, रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के बाद है।

पुराणों के अनुसार, श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं। मथुरा के राजा कंस की बहन देवकी की कोख से नंदलाल का जन्म हुआ था। कान्हा का बचपन गोकुल और वृंदावन में माता यशोदा की देखरेख में बीता। बाद में मामा कंस का उद्धार करने के लिए श्री कृष्ण मथुरा वापस आ गए। मथुरा, गोकुल, वृंदावन और बरसाना में देवकीनंदन की शरारतों, खेल कूद की कई यादें और कहानियां मौजूद हैं। मथुरा में वासुदेव के मंदिरों के अलावा भी देश में कई बड़े कृष्ण मंदिर हैं। श्रीकृष्ण द्वारिका के राजा थे, जहां उनका राजमहल हुआ करता था।

स्वर्णा सिंहासन पर दर्शन देंगे ठा. राधाकांत


याज्ञिक आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के सान्निध्य में ठाकुरजी का महाभिषेक रात 9 बजे शुरू होगा, जो 12 बजे तक चलेगा। इसके बाद संतों द्वारा पूजन के बाद ठाकुरजी को सोने के सिंहासन पर विराजित कराया जाएगा। ठाकुरजी का दिव्य पुष्पों का श्रृंगार होगा और उन्हें 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button