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यमकेश्वर के बिथ्याणी गांव में भारी बारिश से तबाही का मंजर, कई जानवर बहे

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यमकेश्वर। यमकेश्वर के ग्राम पंचायत बिथ्याणी में भारी बारिश ने तबाही बरपाई है। वैसे तो पूरे उत्तराखंड में बारिश ने कहर बरपाया है। गढ़वाल में जगह-जगह बादल फटने से लोगों का भारी नुकसान हुआ है। इस बारिश ने एक बार फिर 2014 की तबाही की याद ताजा कर दी है।

गौशाला में बंधे दो घोड़े नदी में बहे


ग्राम पंचायत बिथ्याणी के राजस्वग्राम रैणाबाड़ी के किशोर सिंह नेगी पुत्र स्व. रघुवीर सिंह नेगी की गौशाला टूटने से दो घोड़े मरकर सतेड़ी नदी में बहकर डेढ़ किलोमीटर दूर शीला गांव पहुंच गये। ये घोड़े ही इनके परिवार की रोजी-रोटी का सहारा था। वो भी बारिश की भेंट चढ़ गये। यहीं के निवासी अर्जुन सिंह नेगी पुत्र स्व. चैत सिंह नेगी और धनवीर सिंह पुत्र स्व. मुरली सिंह का मछली का तालाब सतेड़ी नदी के रौद्र रूप में समा गया। इसके अलावा हरेंद्र सिंह नेगी पुत्र स्व. गुमान सिंह नेगी के मकान की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गयी है। ग्राम प्रधान सतेंद्र सिंह नेगी के अनुसार कल रात से हो रही भारी बारिश से गांव में काफी नुकसान हुआ है।

सड़कें टूटने से आवागमन बाधित


कई गांवों का संपर्क मार्ग टूटने से आवागमन बाधित हो गया है। यमकेश्वर विधानसभा की तीन मुख्य सड़कें लक्ष्मण झूला, दुगड्डा, धुमाकोट, नीलकंठ मोटर मार्ग और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने अवरुद्ध हो गया है। लोक निर्माण विभाग दुगड्डा उपरोक्त सड़क मार्गों को खोलने के लिए घट्टू गाड, पौखाल और गरुड़चट्टी में जेसीबी तैनात की गयी है। ये सतेड़ी नदी का रौद्र रूप देखिये…

आधा दर्जन चौपाया व दुपहिया वाहन नदी में समाये
यमकेश्वर के बैरागढ़ में अतिवृष्टि के चलते बैरागढ़ गधेरे में भारी उफान आ गया, जिससे आधा दर्जन चौपाया व दुपहिया वाहन नदी में बह गये। कुछ वाहनों के अभी भी मलबे में दबे होने की सूचना है। स्थानीय क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट के अनुसार बैरागढ़ क्षेत्र के कई कैंप भी हैं, जिनमें पर्यटक ठहरे हुए थे।

 

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