अपनों को तलाशती डबडबाई आंखों से फूटा सब्र का बांध, अधिकारियों को लताड़ा

देहरादून। अपनों को तलाशती डबडबाई आंखों से आखिरकार सब्र का बांध टूट गया। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद मची तबाही में अब तक कुल पांच शव बरामद हुए हैं, वहीं अभी भी दर्जन भर लोग लापता है, जिनकी खोजबीन जारी है। मालदेवता में बादल फटने की घटना के बाद लापता दंपति के शव रविवार को बरामद कर लिये गये। कैबिनेट मंत्री गणेशजोशी रविवार को प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे।
रविवार को अपनों को तलाशते ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने बचाव कार्य की देखरेख कर रही सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान को खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों का कहना था कि सरखेत में शुक्रवार देर रात से मची तबाही के बीच पांच व्यक्तियों को अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है परिजनों की उम्मीद की डोर भी खत्म होती जा रही है। ग्रामीणों की नाराजगी की सूचना पर अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा घटनास्थल पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें भी फटकार लगाई। ग्रामीणों की पीड़ा को महसूस करते हुए उन्होंने उनकी बात चुपचाप सुनीं और उनकी मांग जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया।
सरखेत के समीप ग्रामीणों के सात मकान जमींदोज हो गए हैं। यहां मलबे के ढेर में ग्रामीणों का सामान बिखरा पड़ा है। प्रभावित लोगों ने छह किलोमीटर दूर मालदेवता सड़क पर एक स्कूल में शरण ली है। https://sarthakpahal.com/
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में बार-बार आपदा आने के बाद भी सरकार सोई हुई है। उत्तराखंंड वैसे भी आपदा प्रभावित राज्य है जो कि भूकम्प, बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन, कृत्रिम झील के फटने आदि आपदाओं जैसी घटनाओं की जद में रहता है। जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़कें और रास्ते बंद हैं। परंतु फिर भी केंद्र और राज्य की डबल इंजन भाजपा सरकार आपदा प्रभावितों को मरहम लगाने के बजाय दौरे तक सीमित है।