सतेड़ी के सैलाब में दबे कई घर, खेत व रास्ते, बचा है तो सिर्फ तबाही के निशां

यमकेश्वर। सतेड़ी के सैलाब में जहां कई मकान जमींदोज हुए तो वहीं खेत के खेत बह गये, अब बचा है तो बस सिर्फ तबाही का मंजर। इसी तबाही के पीड़ादायक मंजर को बह गये खेत-खलिहान, टूटे मकान बयां कर रहे हैं।
रविवार को जिलाधिकारी, एसएसपी, तहसीलदार सहित कई आला अधिकारियों ने कई क्षेत्रों का दौरा किया। जिला पंचायत सदस्य विनोद डबराल ने बताया कि आपदा में शिव मंदिर यमकेश्वर का गेट, जनता इंटर कालेज के रास्ते की पुलिया के अलावा दीपक जोशी की दुकान के अंदर भी पानी घुस गया था। उन्होंने बताया कि सतेड़ी नदी का बहाव पलटने से बडोली और उमरौली में भगत सिंह, सुरेंद्र सिंह, सोमवार सिंह समेत तमाम ग्रामीणों की करीब 100 नाली भूमि बाढ़ में बह गयी। इसके साथ ही फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
मझेड़ा गांव में मझेड़ा गांव के प्रतोमन सिंह रावत की गौशाला में बादल फटने से दो पशु दबकर मर गए हैं और वहीं के राहुल रावत का शौचालय मलबे में दबने गया। देवेंद्र सिंह और गणपत सिंह के घरों में भी पानी घुस गया। जिया दमराड़ा में रामेश्वर रतूड़ी का भवन आवई के रामचंद्र कुकरेती और अशोक उनियाल के घर मलबे में दब गये। यमकेश्वर स्थित कृषि विभाग का कार्यालय, सत्संग भवन खतरे की जद में आ गये हैं। चाई दमराड़ा ks विनोद डबराल के चार मछली के तालाब, ट्रैक्टर ट्राली, मिक्सर मशीन, कृषि यंत्र आदि काफी सामान बह गया।
बिथ्याणी रैणाबाड़ी में अर्जुन सिंह, धनवीर सिंह के मछली के तालाब बह गये तो वहीं के किशोर सिंह का एक घोड़ा मलबे में दबकर मर गया। इसके अलावा ठींगाबाज और ठांगर में भी काश्तकारों की 50 नाली कृषि भूमि बाढ़ में स्वाहा हो गयी। सीला नहर का करीब 150 मीटर हिस्सा और गाजसेरा नहर का 100 मीटर हिस्सा सतेड़ी के प्रकोप को बर्दाश्त नहीं कर सका।
सीला गांव के महेंद्र सिंह की गौशाला व रसोई बाढ़ की भेंट चढ़ गयी तो तिमल्याणी में ग्रामीणों के खेत और सिंचाई विभाग की सुरक्षा दीवार बह गयी। नैल, बडोली, सिगड्डी, घईखाल में पांच-छह मकानों को नुकसान पहुंचा। ग्राम पाटा में मलबे के कटान के कारण कई घरों को खतरा उत्पन्न हो गया है। तहसीलदार मंजीत गिल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। https://sarthakpahal.com/
विद्युत और पेयजल लाइनों का बुरा हाल
आपदा के बाद सड़कों, विद्युत लाइनों, पेयजल लाइनों को काफी नुकसान पहुंचा है। बड़कोट गुमालगांव की पेयजल लाइन मलबे में दब गयी। रणचूला पंपिंग पेयजल योजना के पाइप और बिजली के पोल बहने से डाडामंडल के देवराणा, ताछला अमोला, रामजीवाला, धारकोट, तिमल्याणी समेत 12 ग्राम पंचायतों में पानी का संकट उत्पन्न हो गया। जल संस्थान के जेई शूरवीर चौहान ने बताया कि आपदा मद में पेयजल योजनाओं की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा।
सड़कें और पैदल रास्तों को भारी नुकसान
भारी बारिश से लोनिवि और पीएमजीएसवाई की सड़कों और गांवों को जोड़ने वाले रास्तों को भारी नुकसान पहुंचा है। मलबा आने से पीएमजीएसवाई की लगभग 26 सड़कें बंद हैं। ऐसे में दर्जनों ग्रामीणों को आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है।