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अध्यादेश लाकर सरकार बचाएगी महिलाओं का क्षैतिज आरक्षण

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नैनीताल। अध्यादेश लाकर सरकार महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण को बचाने पर विचार कर रही है। कार्मिक विभाग ने अध्यादेश का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। परामर्श के लिए प्रस्ताव न्याय विभाग के पास है। ज्ञात हो कि नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य की सेवाओं में राज्य मूल की महिलाओं को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण पर रोक का आदेश पारित कर दिया है।

कोर्ट के फैसले से राज्य सरकार मुश्किल में
कोर्ट के इस फैसले राज्य सरकार की सियासी मुश्किलें बढ़ गयी हैं। प्रचंड बहुमत के बाद फिर से सीएम बने धामी के सामने राज्य की इज्जत से जुड़ी बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है। इस मामले में विपक्ष तो सरकार को घेरेगा ही, युवा भी सरकार पर इस रोक को हटाने को दबाव बनाएंगे।

2003 में तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देेने का फैसला किया था। इसके बाद के वर्षों में इसे बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया था। तब से महिलाओं के लिए यह आरक्षण आज भी जारी है।

सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार!
हाईकोर्ट से महिला आरक्षण मामले में सरकार कानूनी विकल्प पर सलाह ले रही है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने सरकार का पक्ष मजबूती से रखा और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15 में राज्य सरकार को डोमिसाइल के आधार पर आरक्षण देने की शक्ति है। सीएससी चंद्रशेखर रावत ने हाईकोर्ट नैनीताल के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी होने की पुष्टि की है।

महिला आरक्षण पर सीएम से करूंगी बात: रेखा
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी क्षैतिज अारक्षण मसले पर वह सीएम से वार्ता करेंगी। हाईकोर्ट के फैसले पर इस पर विधिक राय ली जायेगी।

न्यायालय के आदेश की प्रति प्राप्त होे और उसका अध्ययन करने के बाद ही शासन अपना अगला मंतव्य तय करेगी। इसके अभाव में अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है। https://sarthakpahal.com/
शैलेश बगौली, सचिव कार्मिक

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