
हल्द्वानी। घरवालों ने बुजुर्ग का शव लेने से जब इंकार कर दिया तो ऐसे में एक चाय वाले बुजुर्ग ने आगे आकर मृतक का अंतिम संस्कार किया। कुछ परिवार की गरीबी को कारण बता रहे थे तो कुछ परिजनों पर टिप्पणी भी कर रहे थे। इस मामले में जहां परिवार वालों को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं, वहीं चाय वाले की जमकर प्रशंसा हो रही है। लोगों का कहना था कि इंसानियत अभी जिंदा है। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
किसी के भी मौत होने पर दुश्मन भी आखिरी विदाई देने को कंधा देने आ जाता है, लेकिन हल्द्वानी में बुधवार को ऐसा मामला सामने आया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। मूल रूप से बरेली यूपी के सुनील कुमार जौहरी (60) की मौत होने पर उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार करना तो दूर शव ले जाने तक से इनकार कर दिया। ऐसे में एक चाय वाले बुजुर्ग ने उसका अंतिम संस्कार कर पुण्य का काम किया। दरअसल वह शख्स पिछले 20 साल से उसी चाय की दुकान पर काम करता था।
बीते 22 अगस्त को अज्ञात लोगों ने 108 एंबुलेंस से सुनील को गंभीर हालत में बेस अस्पताल हल्द्वानी पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुनील का शव लावारिश रखा था और पुलिस शिनाख्त में जुटी थी। छानबीन के बाद घरवालों का पता तो चला, लेकिन उन्होंने अंतिम संस्कार करने को मना कर दिया। https://sarthakpahal.com/
चाय वाले ने किया अंतिम संस्कार
ऐसे में वार्ड 22 में ही चाय की दुकान चलाने वाले हुलंद दास ने आगे आकर अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस की मौजूदगी में बुजुर्ग चाय विक्रेता हुलंद दास ने अंतिम संस्कार किया। कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि मृतक के घरवालों से जब इस संबंध में संपर्क किया गया, तो उन्होंने आने से इनकार कर दिया।