आज घरों और पंडालों में विराजेंगे विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति गणपति बप्पा

देहरादून। आज घरों और पंडालों में विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति श्रीगणेश जी विराजेंगे। गणेश चतुर्थी पर हर गली और मोहल्लों में आज शुभ मुहूर्त पर गजानन को उनके पसंदीदा मोदक से भोग लगाया जायेगा। आज घरों में शुरू हुए आयोजन दस दिन तक चलेंगे। गणेश चतुर्थी वैसे तो कई राज्यों में मनाई जाती है, लेकिन महाराष्ट्र के लोगों को इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है।
ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के प्रतीक भगवान गणेश का जन्मोत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी यानि 31 अगस्त को मनाया जायेगा। श्रीगणेश को प्रथम पूजनीय देव माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार 30 अगस्त की शाम 3.33 बजे से शुरू होने वाली चतुर्थी 31 अगस्त को शाम 3.22 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। इसे गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। आज भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर 10 दिन तक सुबह शाम विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है। इसके बाद 11वें दिन पूजा अर्चना कर उनकी मूर्त को विसर्जित कर दिया जाता है।
इस बार बन रहा है शुभ संयोग
भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। उस दिन भी बुधवार था। इस साल भी कुछ ऐसा ही संयोग बन रहा है। 31 अगस्त से नौ सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जायेगा। पिछले दो सालों से कोविड संक्रमण के कारण पूजा पंडाल सूने रहे, लेकिन इस बार भक्तों में उल्लास देखा जा सकता है। चकराता रोड से लेकर राजपुर रोड, पलटन बाजार, धर्मपुर, आईटी पार्क समेत सभी छोटे-बड़े बाजार गणपति की मूर्तियों से सजे हुए हैं। मंगलवार को मूर्ति और अन्य पूजन सामग्री की खरीदारों की बाजारों में भीड़ लगी रही। https://sarthakpahal.com/
सुखा करता जय मोरया, दुख हरता जय मोरया। कृपा सिंधु जय मोरया, बुद्धि विधाता मोरया। गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया। गणेश चतुर्थी की आप सभी को शुभकामनाएं