कोटद्वार और बीरोंखाल के जिला बनने पर लग सकती है मुहर: सरकार
देहरादून। कोटद्वार और बीरोंखाल को आने वाले समय में जिले का दर्जा मिल सकता है। ने जिलों की मांग पिछले काफी समय से चली आ रही है। सरकार का कहना है कि वह यह पता लगा रही है कि कहां-कहां नए जिले बन सकते हैं। जहां प्रदेश भाजपा सरकार के इस कदम का स्वागत कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे भर्ती घोटाले से जनता का ध्यान भटकाने की बात कह रही है।
चार जिलों का प्रस्ताव आयोग के पास
राज्य में नए जिलों के गठन के लिए पुनर्गठन आयोग बनाया गया था, लेकिन आयोग एक तरह से निष्क्रिय ही पड़ा है। इस आयोग की अब तक केवल चार बैठक हुई हैं। कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को जिला बनाने के लिए 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल ने तो शासनादेश भी जारी कर दिया था, लेकिन तब 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आते ही आदेश ठंडे बस्ते में चला गया था।
नए जिले बनने से लोगों को राहत मिलेगी: ऋतु खंडूड़ी
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का कहना है कि और कोटद्वार और बीरोंखाल के नए जिले बनने से लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने नए जिलों के गठन को लेकर सरकार की पहल का स्वागत किया है। ऋतु खंडूड़ी कोटद्वार को जिला बनाने की पैरवी चुनाव जीतने के बाद से कर रही हैं। उनका कहना था कि प्रदेश में कई बड़े जिले हैं, जिस कारण लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए जिला मुख्यालय जाने में काफी दिक्कतों का सामना पड़ता है।
मुख्यमंत्री का बयान स्वागतयोग्य है। राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए छोटी प्रशासनिक इकाइयों के गठन की आवश्यकता महसूस होती है।
महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
2011 में भाजपा सरकार ने चार जिलों का शासनादेश जारी किया था, इनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी। इनका गठन कर देना चाहिए, अन्यथा यह केवल दिखावा मात्र ही होगा।
करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस